Advertisement

बार-बार टूटकर आखिरकार इस साल बन जाएगा प्रियंका गांधी का आशियाना

घर की खूबसूरती के संदर्भ में कहा जाता है कि गांधी परिवार को सादगी और सुंदरता बहुत पसंद है। खासकर बन रहे घर में इस परिवार को जरा सी भी कमीपेशी पसंद नहीं। शायद यही वजह है कि शिमला के करीब छराबड़ा में प्रियंका गांधी वाड्रा का वर्षों से बन रहा आशियाना अभी तक पूरा नहीं हो पाया। उसे कई दफा गिराकर दोबारा बनाया गया है। सत्ता में रहते व्यस्तताओं के चलते कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी बेटी के निर्माणाधीन घर की ओर ध्यान नहीं दे पाईं। लेकिन अब उम्मीद है कि यह घर इस वर्ष बनकर तैयार हो जाएगा। कांग्रेस विपक्ष में है, इसलिए सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका वाड्रा का बन रहा यह मकान देखने और इसका जायजा लेने का समय निकाल पाई हैं। वह कुछ दिनों के लिए निजी दौरे पर शिमला होकर आई हैं। प्रियंका के निर्माणाधीन आशियाने का जायजा लेने के बाद दो मंजिला इस मकान में आंशिक बदलाव के निर्देश दिए गए हैं। उनके साथ दिल्ली से एक अर्किटेक्ट भी आया था। सूत्रों के अनुसार प्रियंका इसी साल अपने आशियाने को तैयार करना चाहती हैं।
बार-बार टूटकर आखिरकार इस साल बन जाएगा प्रियंका गांधी का आशियाना

 

ऐसा पहली दफा नहीं हो रहा कि गांधी परिवार के इस घर को बनने में इतना समय लग रहा है। प्रियंका गांधी को हर दफा मकान में कुछ न कुछ कमी लगती है, जिस वजह से मकान का कुछ हिस्सा गिराना पड़ जाता। कहते हैं कि वर्ष 1977 के बाद जब पूर्व प्रधानमंत्री और प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी को हार का मुह देखना पड़ा था तो प्रियंका के पिता राजीव गांधी ने भी महरौली में इसी प्रकार खुद अपनी देखरेख में घर की एक-एक ईंट लगवाई थी।    

 

छराबड़ा स्थित प्रियंका का यह आशियाना दो मंजिला है। बताया जाता है कि इसमें भीतरी सजावट का काम देवदार की लकड़ी से होगा। मकान की छत पारंपरिक पहाड़ी शैली की स्लेटपोश है। आशियाना गांधी परिवार का है इसलिए इसके निर्माण को लेकर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। वर्ष 2008 में प्रियंका वाड्रा के इस मकान का काम शुरू हुआ था। प्रियंका को उस समय इसपर काम कर रही कंपनी का काम पसंद नहीं आया। लगभग चालीस फीसदी तैयार मकान का ढांचा गिराया गया था। 

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad