ऐसा पहली दफा नहीं हो रहा कि गांधी परिवार के इस घर को बनने में इतना समय लग रहा है। प्रियंका गांधी को हर दफा मकान में कुछ न कुछ कमी लगती है, जिस वजह से मकान का कुछ हिस्सा गिराना पड़ जाता। कहते हैं कि वर्ष 1977 के बाद जब पूर्व प्रधानमंत्री और प्रियंका की दादी इंदिरा गांधी को हार का मुह देखना पड़ा था तो प्रियंका के पिता राजीव गांधी ने भी महरौली में इसी प्रकार खुद अपनी देखरेख में घर की एक-एक ईंट लगवाई थी।
छराबड़ा स्थित प्रियंका का यह आशियाना दो मंजिला है। बताया जाता है कि इसमें भीतरी सजावट का काम देवदार की लकड़ी से होगा। मकान की छत पारंपरिक पहाड़ी शैली की स्लेटपोश है। आशियाना गांधी परिवार का है इसलिए इसके निर्माण को लेकर अतिरिक्त चौकसी बरती जा रही है। वर्ष 2008 में प्रियंका वाड्रा के इस मकान का काम शुरू हुआ था। प्रियंका को उस समय इसपर काम कर रही कंपनी का काम पसंद नहीं आया। लगभग चालीस फीसदी तैयार मकान का ढांचा गिराया गया था।