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क्या फ्रांस के खिलाफ विरोध करना कांग्रेस विधायक को पड़ा महंगा, भोपाल प्रशासन ने इमारत पर चलाया बुलडोजर

भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भीड़ जुटाने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के...
क्या फ्रांस के खिलाफ विरोध करना कांग्रेस विधायक को पड़ा महंगा, भोपाल प्रशासन ने इमारत पर चलाया बुलडोजर

भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ भीड़ जुटाने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ प्रशासन ने शिकंजा कसा है। एक दिन पहले पुलिस ने विधायक आरिफ मसूद समेत 7 के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। अगले ही दिन प्रशासन ने बड़े तालाब के कैचमेंट एरिया में बनी बिल्डिंग के एक हिस्से पर बुलडोजर चला दिया। यहां विधायक आरिफ मसूद का कॉलेज भी बना हुआ है।

आरिफ मसूद बोले- किसी धर्म के बारे में बुरा नहीं बोला

इस बीच कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मेरा प्रोटेस्ट शांतिपूर्ण था। मैंने कभी किसी के धर्म के बारे में बुरा नहीं बोला। मेरे धर्म के बारे में जब बुरा बोला गया, उस पर रिएक्ट करने का मुझे संवैधानिक अधिकार है। सरकार मुझ पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि मेरे कॉलेज का भी कुछ हिस्सा तोड़ा गया है।

एक दिन पहले मसूद पर एफआईआर हुई

आरोप है कि भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद ने भीड़ इकट्ठा कर भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस का झंडा और वहां के राष्ट्रपति का पुतला जलाया था। इस दौरान भाषण में मसूद ने कहा कि केंद्र और राज्य की हिंदूवादी सरकार के मंत्री भी फ्रांस की हरकत का समर्थन कर रहे हैं। हम फ्रांस के साथ हिंदुस्तान की सरकार को भी चेतावनी देते हैं कि यदि सरकार ने फ्रांस का विरोध नहीं किया तो हम हिंदुस्तान में भी ईंट से ईंट बजा देंगे। पहले तो पुलिस ने इस मामले में सिर्फ धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में सरकार के रुख के चलते धार्मिक भावनाएं भड़काने की धाराओं में मसूद समेत 7 लोगों पर एफआईआर की गई।

डराने का काम कर रही भाजपा सरकार

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि मुझे जानकारी मिली कि खानूगांव स्थित मेरे कॉलेज के एक हिस्से को तोड़ दिया गया है, जबकि कोर्ट से मुझे परमिशन मिल चुकी है। यह भाजपा सरकार डराने का काम कर रही है। हम लोकतंत्र और संविधान पर भरोसा करने वाले लोग है, घबराने की जरूरत नहीं है। हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। बच्चों को अगर खुले मैदान में भी पढ़ाना पढ़े तो हम जरूर पढ़ाएंगे। सरकार ने मुझ पर दबाव बनाने के लिए कार्रवाई की है।

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