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पुणे के स्कूल ने वापस लिया विवादित फरमान, सरकार ने दिए थे जांच के आदेश

पुणे के फेसम स्कूल द्वारा छात्राओं के लिए जारी किए गए एक तुगलकी फरमान को लेकर एक्शन आई महाराष्ट्र...
पुणे के स्कूल ने वापस लिया विवादित फरमान, सरकार ने दिए थे जांच के आदेश

पुणे के फेसम स्कूल द्वारा छात्राओं के लिए जारी किए गए एक तुगलकी फरमान को लेकर एक्शन आई महाराष्ट्र सरकार के बाद स्कूल ने अपना ये फरमान वापस ले लिया है। सरकार ने स्कूल द्वारा दिए गए विवादितनिर्देशों के बाद राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। स्कूल प्रशासन ने छात्राओं को खास रंग के इनरवियरर पहनने की अनिवार्यता जारी करने के साथ टॉइलट इस्तेमाल करने के लिए विशेष समय तय कर दिया था। जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था।

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुरुवार को महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने पुणे के एक निजी स्कूल के अजीब दिशा-निर्देश के खिलाफ मिली शिकायत पर जांच के आदेश दे दिए हैं।

स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेगी राज्य सरकार

MAEERS MIT स्कूल ने छात्राओं के इनरवियर के रंग को लेकर अजीब गाइडलाइन जारी की थी। छात्राओं के साथ ही उनके अभिभावक इसका विरोध कर रहे हैं। इस विरोध के बाद सरकार हरकत में आई और उसने अभिभावकों और छात्राओं की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को ये निर्देश दिए हैं कि वो जांच के लिए स्कूल में एक कमेटी भेजें। इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करेगा।

जानें पूरा मामला

एमआईटी विश्वशांति गुरुकुल स्कूल ने छात्राओं को सफेद और बेज रंग के अंत:वस्त्र वस्त्र पहनने का निर्देश दिया है। दूसरी ओर, एक अन्य को-एड स्कूल में सभी छात्रों से विशेष समय पर शौचालय का इस्तेमाल करने को कहा गया है। अभिभावकों ने स्कूल के खिलाफ कदम उठाने की मांग की है।

वहीं, अधिकारियों को कहना है कि यह दिशा-निर्दश छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जारी किए गए हैं। शिक्षा (प्राथमिक) के निदेशक दिनकर दीमकर ने पुणे नगर निगम (पीएमसी) को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। पीएमसी के शिक्षा बोर्ड ने मामले की जांच के लिए दो अधिकारियों को नियुक्त किया है।

छात्राओं की डायरी में लिखी हुईं थीं ये गाइडलाइन

इस पूरे मामले को लेकर एक अभिभावक ने बताया, ‘स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं के इनरवियर के रंग को लेकर गाइडलाइन जारी की थी। इस गाइडलाइन में छात्राओं को सफेद या स्किन के रंग का इनरवियर पहनने को कहा गया। इसके अलावा स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं की स्कर्ट की लंबाई को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है। ये सारी बातें डायरी में लिखी हुई थीं और अभिभावकों को इस पर साइन करने के लिए कहा गया था’।

 

छात्राओं के इनरवियर का रंग तय करने के साथ ही स्कूल प्रबंधन ने बाथरूम के इस्तेमाल को लेकर भी बंदिशें लगाई हैं। गाइडलाइन में ये साफ लिखा गया कि, अगर छात्र और उनके अभिभावक इस पर अमल नहीं करते हैं तो कार्रवाई होगी।

 

हालांकि इस पर एमआईटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुचित्रा कराड नागरे ने अपनी सफाई पेश की है। उनके मुताबिक, "इस गाइडलाइन के पीछे प्रबंधन की नीयत अच्छी है। पुराने अनुभवों से सबक लेने के बाद भी हमने ये फैसला किया। इसके पीछे हमारा कोई छुपा एजेंडा नहीं है। ये सभी नियम छात्रों की सुरक्षा के लिए हैं। मगर अभिभावकों को इसे लेकर कोई आपत्ति थी तो उन्हें हमसे बात करनी थी। हम इसका जरूर कोई हल निकालते।

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