पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने छोटे और सीमांत किसानों के 2 लाख रुपये तक के फसल कर्ज को माफ करने की घोषणा की। इधर सदन के भीतर सरकार के इस निर्णय का स्वागत करने वाली आम आदमी पार्टी बाहर निकलते ही इसे धोखा करार देने लगी है।
पंजाब विधान सभा में किसानों की कर्जमाफी की घोषणा करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा, “राज्य में आत्महत्या करने वाले सभी किसान के परिवारों का सारा ऋण उनकी सरकार चुकाएगी। आत्महत्या करनेवाले किसान के परिवार को दी जाने वाली अनुदान की रकम को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।”
अमरिंदर ने कहा, कि पांच एकड़ तक जमीन वाले 8.75 लाख किसानों सहित 10.25 लाख किसानों को इससे फायदा होगा। उन्होंने बताया कि प्रख्यात अर्थशास्त्री टी. हक के नेतृत्व वाले विशेषज्ञ समूह की अंतरिम रिपोर्ट के आधार पर फैसला किया गया। विशेषज्ञ समूह को राज्य में बदहाल किसानों की मदद के लिए रास्ता सुझाने का जिम्मा सौंपा गया था।
आप ने कर्जमाफी को बताया धोखा
इधर आप नेता विपक्ष एच एस फुल्का ने सीएम के ऐलान को अधूरा और किसानों के साथ धोखा बताया। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सदन के अंदर तो 5 एकड़ तक की खेती की जमीन होने वाले किसानों का पूरा फसल कर्ज माफ करने का दावा किया। लेकिन अपने प्रेस नोट में और प्रेस कांफ्रेंस में कैप्टन अमरिंदर सिंह सिर्फ दो लाख रुपए तक के कर्ज माफी की बात करते रहे।
वहीं, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में साफ कर दिया कि 5 एकड़ वाले किसानों का सिर्फ 2 लाख रुपये तक का ही फसल कर्ज माफ किया गया है।