- हरीश मानव
हरियाणा सरकार केंद्रीय पूल के लिए एक अप्रैल से गेहूं की सरकारी खरीद शुरु कर देगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,735 रुपए क्विंटल के रेट पर 80 लाख टन गेहूं खरीद के प्रबंध किए गए हैं। पिछले साल 74.25 लाख टन गेहूं की खरीद की गई थी। रबी सीजन 2018 में हरियाणा में गेहूं का 117.80 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राम निवास ने सोमवार को यहां एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बताया किसानों को उनकी फसल का भुगतान नीति अनुसार 48 से 72 घण्टों में किया जाएगा। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा वित्त विभाग के माध्यम से रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया से 4900 करोड़ रुपए का प्रबन्ध किया गया है। राज्य की अन्य खरीद संस्थाएं भी बैंकों के माध्यम से अपने स्तर पर धनराशि का प्रबंध कर रही हैं।
उन्होंने बताया कि रबी सीजन 2018 के दौरान गेहूं खरीद के लिए सभी खरीद संस्थाओं को 383 मंडियों का आवंटन किया जा चुका है। इस खरीद सीजन के दौरान हैफेड द्वारा 40 प्रतिशत, खाद्य व पूर्ति विभाग द्वारा 33 प्रतिशत, हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन द्वारा 15 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 12 प्रतिशत गेहूं की खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि गेहूं खरीद हेतु खरीद नीति तथा सभी आवश्यक दिशानिर्देश सभी उपायुक्तों, सभी खरीद संस्थाओं के प्रबन्ध निदेशकों तथा जिला नियंत्रकों को पहले से जारी किए जा चुके हैं। केन्द्र सरकार द्वारा इस रबी सीजन के लिए पिछले वर्षों की भांति मापदण्ड जारी किए गए हैं, जिसके अनुसार गेहूं की खरीद 12 प्रतिशत नमी पर की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार द्वारा गेहूं की खरीद के व्यापक प्रबन्ध किए गए हैं तथा मापदण्डों के अनुसार राज्य की मण्डियों में आने वाले गेहूं का एक-एक दाना खरीदा जाएगा। सरकार द्वारा निर्धारित गेहूं खरीद के अनुमान में से 12 प्रतिशत गेहूं की खरीद भारतीय खाद्य निगम द्वारा राज्य की विभिन्न मण्डियों में की जाएगी। इसके अतिरिक्त शेष 88 प्रतिशत गेहूं की खरीद राज्य की खरीद संस्थाओं द्वारा उन्हें अलाट की गई मण्डियों अनुसार की जाएगी। इसके लिए सरकार द्वारा 2,96,680 जूट की गांठों का इन्डेंट केन्द्र सरकार के माध्यम से जूट कमीश्नर को दिया गया है। 25 मार्च 2018 तक 266370 गांठें राज्य के विभिन्न जिलों में पहुंच चुकी हैं। इसके अलावा सरकार के पास पहले से लगभग 20 हजार प्लास्टिक की गांठें बकाया हैं, जिन्हें केन्द्र सरकार से अनुमति के बाद इस सीजन में प्रयोग किया जाएगा। भारतीय खाद्य निगम और राज्य की खरीद संस्थाओं के पास कुल 81.20 लाख मीट्रिक टन गोदाम भण्डारण क्षमता उपलब्ध है, जिसमें से लगभग 40 लाख मीट्रिक टन में चावल तथा गेहूं भण्डारित है। रबी सीजन में राज्य की खरीद संस्थाओं के पास 41 लाख टन गोदाम भण्डारण क्षमता उपलब्ध होगी। पहली बार ई-टैण्डर के माध्यम से पारदर्शिता के साथ मण्डियों में श्रम एवं परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति करने के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं, जिसके तहत लगभग सभी मण्डियों में श्रम एवं परिवहन ठेकेदारों की नियुक्ति की जा चुकी है।