रामगोपाल जाट
एक ओर जहां केंद्र और राज्य सरकार महिला सुरक्षा की बात कर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ महिला शिक्षकों के आवासीय शिविरों में महिला सुरक्षा की कोई व्यवस्था के बजाए उनकी निजता पर हमला किया जा रहा है। इस घटनाक्रम की जानकारी सामने आने के बाद पूरा राजस्थान का शिक्षक समुदाय गुस्से में है और यह भी कहा जा रहा है कि इसके विरोध में सभी शिक्षक आवासीय शिविरों का बहिष्कार कर सकते हैं।
मामला राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल है। यहां पर महिला आवासों में कैमरे लगे होने की बातें सामने आई हैं। इसके अलावा ऐसा ही मामला सामने आने के बाद सुवाणा में चल रहे उदयपुर जिले के वरिष्ठ अध्यापकों के प्रशिक्षण शिविर में हंगामा कर बहिष्कार कर दिया है। महिला शिक्षकों के आवासीय शिविर में कैमरे लगे हुए थे। महिलाएं इन कमरों में दो दिन तक ठहरीं रहीं। बाद में पता चला की इनमें कैमरों से उनकी रिकार्डिंग हो रही है।
महिला शिक्षकों ने इसका जमकर विरोध भी किया
जब कैमरे होने की जानकारी सामने आई तो महिला शिक्षकों ने प्रकरण को जिला शिक्षा अधिकारी और निदेशक शिक्षा विभाग को भी शिकायत की। हालांकि, अभी तक किसी भी सरकारी अफसर को अब तक इस मामले में कोई बयान नहीं आया है। इधर, महिला शिक्षकों का कहना था कि महिलाओं के कमरों में कैमरे लगाना सरासर गलत है, यह उनकी निजता पर हमला है और स्कूल प्रशासन को उन्हें दूसरे कैमरों में ठहराना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत कर दी गई है और यदि अब भी जिला स्तर पर इसका समाधान नहीं किया गया तो वह इन शिविरों का बहिष्कार कर देंगी, यह उनकी निजता का हनन है। दरअसल, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से सुवाणा के मॉडल स्कूल में 10 दिवसीय शिवरि चल रहा है। महिलाओं ने उनके कमरों में कैमरे लगे होने की बात पता चलने पर हंगामा किया और वहीं पे धरने पर बैठ गई।
कमरों में कैमरे तो लगे हुए हैं, किंतु उनकी रिकॉर्डिंग चालू नहीं है: शिविर प्रभारी
मॉडल स्कूल में 10 दिवसीय शिविर चल रहा है। महिलाओं ने उनके कमरों में कैमरे लगे होने की बात पता चलने पर हंगामा किया तब शिविर प्रभारी अशोक कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि कमरों में कैमरे तो लगे हुए हैं, किंतु उनकी रिकॉर्डिंग चालू नहीं है। श्रोत्रिय ने बताया कि शिक्षकों की संतुष्टि के लिए आज इन पर टेप रोल लगवा देंगे।
अन्य व्यवस्थाएं भी चौपट हैं
इस बीच आवासीय शिविर में आए शिक्षकों ने बताया कि महिला सुरक्षा के नाम पर शिविर में कोई व्यवस्था नहीं है। लैट-बाथ में भी पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानी हुई है। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्था रही तो वे इन शिविरों का बहिष्कार करेंगे।
यहां कि महिला शिक्षिकाओं ने बताया कि टॉयलेट तक में भी पानी की व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से महिलाओं को दैनिक कार्यों में परेशानी हुई है। अन्य जिलों में शिक्षकों के लिए टॉयलेट की व्यवस्था नहीं होने के कारण नरेंद्र मोदी के खुले में शौच बंद करने के अभियान को धत्ता बताकर शौच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है।
शिक्षक संघ में रोष, बहिष्कार की चेतावनी
प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक सघं के प्रदेश अध्यक्ष शशिभूषण शर्मा ने कहा है कि इसकी उच्च स्तर पर जांच होनी चाहिए। जिन्होंने महिलाओं की इज्जत से खेलने का प्रयास किया है, ऐसे दोषियो के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहीए। संगठन के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने कहा शिक्षा अधिकारी हठधर्मिता करते हुए शिक्षकों प्रताड़ित कर रहे हैं, जहां विद्यालयो मे विधर्थियों के लिए मूलभूत सुविधाएं नही हैं, वहां शिक्षकों के आवासीय कैम्प आयोजित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी मे शिक्षकों को प्रताड़ित करने के लिए जयपुर के कैम्प धोलपुर, पाली के बाडमेर, टोक के कोटा में आयेजित किये जा रहे हैं। शर्मा ने कहा है कि 21 मई से तृतीय ग्रेड के 1.34 लाख शिक्षकों के कैम्प शुरू होंगे, जिसका सगठन प्रदेश भर में आवासीय नहीं करने के लिए विरोध करेगा।