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राजस्थान हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत दी

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम को...
राजस्थान हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को अंतरिम जमानत दी

राजस्थान हाईकोर्ट ने 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे स्वयंभू संत आसाराम को मंगलवार को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी।

एक सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने बलात्कार के एक अन्य मामले में आसाराम को 31 मार्च तक जमानत दी थी और कहा था कि वह कई बीमारियों से ग्रस्त है और उसे उपचार की आवश्यकता है।

शीर्ष अदालत द्वारा चिकित्सा आधार पर राहत दिए जाने के तुरंत बाद आसाराम के वकीलों ने उच्च न्यायालय में सजा निलंबित करने के लिए याचिका दायर की।

न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने आसाराम को अंतरिम जमानत प्रदान की, क्योंकि याचिका की प्रकृति सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका के समान थी।

आसाराम के वकील निशांत बोरा ने कहा, ‘‘हमने दलील दी कि याचिका की प्रकृति उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका के समान है और इस मामले में भी आधार वैध हैं।’’ उन्होंने कहा कि एक शर्त को छोड़कर आसाराम की अंतरिम जमानत की शर्तें वही हैं जो सात जनवरी को उच्चतम न्यायालय ने तय की थीं।

बोरा ने कहा, ‘‘अगर आसाराम (जोधपुर से) बाहर जाना चाहता है, तो उसे तीन कांस्टेबल का खर्च उठाना होगा, जो कि उसके साथ मौजूद रहेंगे।’’

निचली अदालत ने आसाराम को 2013 में जोधपुर स्थित उसके आश्रम में नाबालिग से बलात्कार के आरोप में अप्रैल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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