- रामगोपाल जाट
राजस्थान के जोधपुर में रामनवमी के शुभ अवसर पर जो हुआ, उसको देखकर कोई भी सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि देश किस दिशा में जा रहा है।
राम नवमी के अवसर पर जहां पूरे देश में भगवान श्री राम की झांकी निकाली जा रही थी, वहीं राजस्थान के पश्चिमी जिले जोधपुर में एक ऐसे व्यक्ति की झांकी सजाई गई थी, जिस पर हत्या और अपनी मुंहबोली बहन के साथ अवैध संबंध होने के गंभीर आरोप हैं। इस हत्यारे का नाम शंभूनाथ रैगर है, जिसके एक वीडियो ने पूरे देश को हिला दिया था।
शंभूनाथ के वेश में बैठा एक व्यक्ति
हत्यारे शंभूनाथ रैगर के रूप में एक व्यक्ति को उसके कपड़ों के साथ रथ में बैठाकर दिखाया गया था। कुछ असामाजिक लोगों द्वारा उस के पक्ष में यह झांकी निकाली गई थी, जिसमें आरोपी शंभूनाथ रैगर को भगवान राम के समान दिखाया गया। साथ ही रथ पर एक पोस्टर भी लगाया गया, जिस पर एक समुदाय के खिलाफ नफरत भरी बातें लिखी हुई थीं।
शंभूनाथ रैगर ने पिछले दिनों पाली में एक बुजुर्ग की गैंती (एक प्रकार का ज़मीन खोदने का हथियार) से वार कर हत्या कर दी थी। बताया गया था कि जिस बुजुर्ग को शम्भूनाथ ने मौत के घाट उतारा था, उसे वह पश्चिम बंगाल का बांग्लादेशी मुस्लिम नागरिक मानता था।
शंभूनाथ नाथ रैगर ने न केवल इस हत्या का लाइव वीडियो बनाया, बल्कि उसके बाद कई घोर अपमानजनक और असामाजिक शब्दों वाली भाषा का इस्तेमाल करते हुए एक समुदाय विशेष के लिए खूब भला बुरा कहते हुए वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
शंभूनाथ रैगर द्वारा बुजुर्ग की हत्या करते वक्त उसके भांजे ने यह वीडियो बनाया था। जिसके बाद पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। हालांकि उसका भांजा नाबालिक था, जिसके चलते उसे गिरफ्तार नहीं किया गया, लेकिन शंभूनाथ रैगर को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे सेंटर जेल भेज दिया गया। शंभूनाथ रैगर आज भी जेल में बंद है।
पुलिस ने झांकी निकालने वालों पर नहीं की कार्रवाई
जोधपुर के नई सड़क स्थिति स्वास्थ्य गेट पर यह झांकी निकाली गई। देखने वाले लोगों ने न केवल इसकी भर्त्सना की, बल्कि पुलिस के द्वारा भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करने को लेकर कड़ा एतराज जताया गया। हालांकि कुछ असामाजिक लोगों द्वारा की गई इस कार्रवाई का बाद में विरोध भी हुआ, मगर एक बार हत्या के आरोपी शंभूनाथ की झांकी निकालकर ऐसे लोगों ने समाज में जहर घोलने के अपने मंसूबे साफ कर दिए।
राजस्थान मुस्लिम परिषद के अध्यक्ष यूनुस चोपदार बताते हैं कि इस तरह से किसी हत्या के आरोपी की झांकी निकालने से दो समुदायों के बीच नफरत की आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सभी समाज के समझदार लोगों को इस तरह के कृत्य करने वालों की कड़े शब्दों में न केवल निंदा करनी चाहिए, बल्कि इस तरह के असामाजिक और अपराधी किस्म के लोगों के खिलाफ पुलिस के द्वारा भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
इस झांकी की फोटोज और वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुए। उसके बाद जोधपुर पुलिस की किरकिरी हुई, लेकिन जानकारी के मुताबिक अभी तक किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और न ही कोई कार्रवाई हुई है।