रामगोपाल जाट।
राजस्थान के ब्यूरोक्रेट्स अब गुड गवर्नेस के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के भाषण पढ़ते नजर आएंगे। जल्द ही सभी आईएएस अधिकारियों को पीएम मोदी के भाषणों को संकलित कर लिखी गई पुस्तक 'चिंतन शिविर' बांटी जाएगी। पीएमओ के निर्देश पर गुजरात की सरकार ने बड़ी संख्या में पुस्तकें राजस्थान सरकार को भेजी हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह पुस्तकें सभी बीजेपी शासित राज्यों में बांटी जा रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और सोच से ब्यूरोक्रेट्स को रूबरू करवाने के लिए पीएमओ के निर्देश पर गुजरात सरकार ने चिंतन शिविर किताबें राजस्थान सरकार काे भेजी हैं। पुस्तकों के सचिवालय पहुंचते ही राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने तुरंत इन्हें सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को बंटवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके बाद कार्मिक विभाग ने इन्हें बंटवाने के तैयारी शुरू भी कर दी है। कार्मिक विभाग की ओर से कुछ पुस्तकें तो राज्यक कई कलेक्ट्रों को एक कार्यक्रम में बांट भी दी है। जल्द ही यह पुस्तकें बाकी बचे राज्य के अन्य आईएएस अधिकारियों को बांटी जाएगी।
अफसर पड़ेंगे मोदी का चिंतन
जानकारी के अनुसार पुस्तकें सचिवालय पहुंच चुकीं हैं। इस पुस्तक के वरुण मारिया हैं संपादक हैं, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के 2003 से 2011 तक के भाषण हैं। राजस्थान पहुंचने के बाद सभी ACS, प्रमुख सचिव, सचिव और कलक्टरों को यह पुस्तक बांटी जा रही है। जानकारी में आया है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर गुजरात सरकार ने यह पुस्तक राजस्थान भेजी है। राजस्थान के अलावा पूरे देश के बीजेपी शासित प्रदेशों में भी यह पुस्तक बांटी जाएंगी।
गुड गवर्नेंस का मंत्र है
दरअसल, गुजरात में मोदी के सीएम रहने के दौरान उनकी और से दिए गए भाषणाें को संकलित कर यह पुस्तक तैयार की गई है। 2003 से 2011 के दौरान गुजरात में आयोजित हुए चिंतन शिविर में सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने गुड गवर्नेस के लिए अपनी स्पीच दी थी। उनकी स्पीच अब राजस्थान में भी गुड गवर्नेंस के काम आएगी। पुस्तकों के वितरण को लेकर बीजेपी की राजस्थान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी का कहना हैं कि मोदी मन्त्र से अफसर गुड गवर्नेन्स के लिए ज़रूर प्रेरित होंगे। पीएम मोदी के चुनावी भाषणों को सुनने के लिए टिकट लेकर भी लोग आते थे, उससे अन्दाजा लगाया जा सकता है कि उनकी बात कितनी प्रेरक होती है। हालांकि, भाजपा के नेता तो एक कदम बढ़कर कह रहे हैं कि भाजपा शासित राज्यों के सीएम के भाषण भी पढ़ाये जाने चाहिए।
कांग्रेस बोली, भाषणों को संकलित कर बंटवाना यह कैसा गुड गवर्नेंस है?
इधर, कांग्रेस पार्टी कहती हैं कि गुड गवर्नेंस से जुड़ी बातों को ब्यूरोक्रेट्स तक पहुंचाने की बात ठीक है, लेकिन पीएम मोदी के कार्यकाल से ही इस तरह की बात की जाती तो ज्यादा बेहतर होती। अब जब प्रदेश में चुनाव नजदीक है ऐसे में गुड गवर्नेंस को लेकर पुस्तकों को बंटवाने को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। कांग्रेस के जयपुर शहर अध्यक्ष नेता प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसे महज एक विचारधारा को थोपने की बात बताई है। खाचरियावास का कहना है कि बेहतर होता कि यह पीएम के भाषणों की स्पीच भेजते। सीएम रहने के दौरान उनके भाषणों को संकलित कर बंटवाना यह कैसा गुड गवर्नेंस है? यहां संविधान किसी व्यक्ति विशेष और विचारधारा से ऊपर है।
उपाध्याय की पुस्तकें भी बटीं हैं
ऐसा नहीं है कि मोदी बीजेपी के ऐसे पहले बड़े नेता हो जिनकी किताब अफसरों को बांटी जा रही है। इससे पहले बीजेपी के पुरोधा और संस्थापक रहे पण्डित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद से जुड़ी किताबें भी अधिकारियों को बांटी गई थी। हालांकि, राज्य सरकार ने उन किताबों के असर की स्टडी नहीं की है, लेकिन गवर्नेन्स सुधारने के नाम पर अब पीएम मोदी के भाषणों पर लिखी किताब बांटी जा रही है।
इन किताबों की खबर ने अफसरों से ज्यादा खलबली खुफिया ऐजेन्सियों में मचा रखी है। भाजपा नेता तो कहते है अगर किसी नेता का गुड़ गवर्नेंस अच्छा है तो उसको ब्यूरोक्रेट्स को पढ़ना चाहिए। दरअसल, अब भी इसको लेकर विपक्ष ही हमला नहीं बोल रहा है, बल्कि भाजपा सरकार में भी एकराय नही बन पा रही है। फिलहाल ताज़ा समाचार यह है कि सीएमओ ने पुस्तकों को बांटने का काम रुकवा दिया है, एकराय होकर ही किताबें बांटी जाएंगी।