तमिलनाडु के तूतीकोरिन में कॉपर स्टरलाइट प्लांट को लेकर विवाद और राजनीति जारी है। अभिनेता से राजनेता बने सुपरस्टार रजनीकांत ने तूतीकोरिन का दौरा किया और पीड़ितों के परिवारवालों से मुलाकात की। रजनीकांत स्टरलाइट प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों से मिलने अस्पताल पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपए मुआवजे का भी ऐलान किया।
उन्होंने कहा, 'मैं इस पर ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन सरकार को सावधान रहना चाहिए। लोग देख रहे हैं। यह सरकार के लिए एक सबक है।' रजनीकांत ने इस मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जांच की मांग की।
छह दिन पहले तूतीकोरिन में प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई जख्मी हुए थे। इससे पहले चेन्नई में रजनीकांत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था, 'मैं तुथूकुड़ी (तूतीकोरिन) के अस्पताल में भर्ती घायलों का हाल जानने के लिए जा रहा हूं। यह सद्भावना के लिए उठाया जा रहा प्रयास है।'
हालांकि सामाजिक कार्यकर्ता इलाके में रजनीकांत के दौरे का विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि रजनीकांत वेदांता कंपनी के एजेंट हैं और केंद्र सरकार ने उन्हें लोगों को मूर्ख बनाने के लिए यहां भेजा है।
तमिलनाडु सरकार ने दिया था प्लांट बंद करने का आदेश
इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने तूतीकोरिन स्थित वेदांता स्टरलाइट प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का आदेश जारी किया था। डेप्युटी सीएम ओ. पन्नीरसेल्वम ने जानकारी देते हुए कहा कि लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए कॉपर प्लांट को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है।
तमिलनाडु सरकार ने प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को कॉपर प्लांट को हमेशा के लिए बंद करने का निर्देश दिया। बता दें कि तूतीकोरिन में प्लांट का विरोध कर रहे लोग 22 मई को जब पथराव और आगजनी का सहारा लेने लगे तो पुलिस ने उन पर फायरिंग कर दी।
क्या है तूतीकोरिन विवाद?
तूतीकोरिन जिले में वेदांता समूह की एक फैक्ट्री के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। पुलिस फायरिंग के बाद इलाके में धारा-144 लगाई गई थी, जिसे तीन दिन पहले हटा लिया गया। 23 मई को यहां निषेधाज्ञा लगाई गई थी।
राज्य के सूचना एवं प्रचार मंत्री के. राजू ने बताया कि फैक्ट्री नौ अप्रैल को बंद कर दी गई थी क्योंकि इसके लाइसेंस के नवीकरण की अर्जी राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने खारिज कर दी थी। तूतीकोरिन के रहने वाले राजू ने कहा कि सरकार का इरादा इस फैक्ट्री को बंद करने का है। यही कारण है कि इसने स्थानीय लोगों को 98 दिनों तक प्रदर्शन करने दिया।
वेदांता लिमिटेड की इस फैक्ट्री को बंद करने की मांग करते हुए इलाके के लोग प्रदर्शन कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि फैक्ट्री को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। अब जलापूर्ति भी बंद कर दी गई है। इसके चलते फैक्ट्री में कामकाज पूरी तरह से बंद हो गया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ई. के. पलनिसामी लोगों की भावनाओं को समझते हैं।