राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने इस खबर की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के कुछ ऐसे निजी स्कूल भी संचालित हो रहे हैं जहां से बच्चों को धार्मिक असहिष्णुता का पाठ पढ़ाने की शिकायतें मिली हैं। उत्तर बंगाल और दक्षिण बंगाल के उत्तर 24 परगना में ऐसे कुछ स्कूलों में असहिष्णुता से संबंधित धार्मिक गतिविधियां चलाने का आरोप है।
शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें ऐसे निजी स्कूलों की सूची उपलब्ध कराई है, जहां राज्य सरकार के अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के बिना गतिविधियां संचालित हो रही हैं। ऐसी गतिविधियों के साथ स्कूलों के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। स्कूलों को अपने बोर्ड द्वारा तय पाठ्यक्रम ही लागू करना होगा।
पार्थ चैटर्जी ने कहा कि कुछ शिक्षण संस्थाएं केंद्रीय बोर्ड से मान्यता प्राप्त हैं। उन्हें राज्य सरकार से एनओसी लेनी पड़ती है। ऐसे निजी शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ प्रत्यक्ष रूप से कानूनी कदम उठाना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जरूरत पड़ने पर ऐसे स्कूलों की जांच के बाद सरकार उनके खिलाफ कड़े कदम उठा सकती है।
वहीं,वामो विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में आरएसएस संचालित 19 स्कूल चल रहे हैं, जहां बच्चों को छोटी उम्र से ही सांप्रदायिकता का पाठ पढ़ाया जा रहा है। शिक्षा मंत्री ने खुद यह बात स्वीकार की है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कहा कि फिलहाल नोटिस के बारे में मुझे पूरी तरह से जानकारी नहीं है, लेकिन राज्य में जितने भी आरएसएस संचालित स्कूल हैं, वहां नियमों के अनुसार ही चलते हैं। ऐसे में इन स्कूलों को राज्य सरकार की ओर से शोकाज नोटिस देने का कोई मतलब नहीं है।