अगले महीने होने वाले उत्तर प्रदेश शहरी निकाय चुनावों में प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) ने अयोध्या-फैजाबाद नगर निगम में मेयर की सीट हेतु एक किन्नर, गुलशन बिंदु को मैदान में उतरा है।
अयोध्या एक सामान्य प्रत्याशी वाली सीट है। कल शाम सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के 16 में से सात नगर निगमों के मेयर पद प्रत्याशियों के नाम को अंतिम रूप दिया। अयोध्या के अलावा, सपा ने गोरखपुर, मेरठ, बरेली, अलीगढ, मुरादाबाद एवं झांसी से अपने उम्मीदवार घोषित किए।
2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों में बिंदु ने अयोध्या सीट से चुनाव लड़ा था और करीब 22,000 मतों को हासिल कर के चौथा स्थान हासिल किया था।
नाम जारी होने के बाद, सपा प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि पार्टी नें सभी वर्गों और समुदायों को प्रतिनिधिव देने की चेष्टा की है।
अयोध्या-फैजाबाद की सीट वाराणसी, लखनऊ एवं गोरखपुर के साथ साथ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए नाक की लड़ाई बन गई है।
जहां वाराणसी, लखनऊ एवं गोरखपुर मौजूदा समय में भाजपा के कद्दावर नेता क्रमशः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्दीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्म भूमि के रूप में जानी जाती है, वहीं सत्ता में आने के बाद, योगी सरकार नें अयोध्या को अपने अजेंडे में शामिल कर लिया है।
बीते दिनों छोटी दिवाली के दिन योगी समेत प्रदेश के अन्य वरिष्ठ मंत्री अयोध्या में एक भव्य समारोह में शामिल हुए थे और रामायण में वर्णित भगवन राम के लंका में रावण पर विजय पश्चात् अयोध्या वापसी का जश्न मनाया गया था।
वहीं, प्रदेश सरकार नें अयोध्या में सरयू तट पर राम की 100 मीटर ऊंची प्रतिमा का एक भव्य प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित किया है।
इन चुनावों के लिए, प्रदेश में अगले महीने तीन चरणों में क्रमशः नवम्बर 22, 26 एवं 29 को वोट पड़ेंगे, और वोटों की गिनती दिसम्बर 1 को संपन्न होगी।
वैसे तो उप्र शहरी निकायों में भाजपा का वर्चस्व है, फिर भी योगी से सामने चुनौती न केवल अपनी सीटें बरक़रार रखने की है, बल्कि सीटों को और बढ़ने की है, क्योंकि अब पार्टी सत्ता में है।
करीब 3.32 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार कर प्रयोग कर सकेंगे। कुल मिला कर, इन चुनावों में 652 निकायों हेतु मतदान होंगे, जिसमे शामिल हैं 438 नगरपालिका परिषद्, 198 शहर पंचायत एवं 16 नगर निगम।
इन चुनावों में, 1,000 से अधिक पार्षद एवं 10,000 से अधिक नगरपालिका परिषद् सदस्यों का चयन होगा।