बिहार में सरकार की स्थिति साफ होने के बाद अब केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इस विस्तार में मध्यप्रदेश से एक और केंद्रीय मंत्री की नियुक्ति ज्योतिरादित्य सिंधिया के रूप में होना तय मानी जा रही है। मोदी कैबिनेट में सिंधिया की ताजपोशी होने के बाद उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलेगा। सिंधिया के साथ ही मध्यप्रदेश में एक ओर नेता के नाम की चर्चा है।
मध्य प्रदेश के सबसे वरिष्ठ सांसद और पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान भी टीम मोदी में जगह बना सकते है। चौहान प्रदेश के सबसे अनुभवी सांसद होने के साथ ही सीएम शिवराज सिंह के बेहद विश्वसनीय भी है। इसी के साथ नेपानगर और मांधाता में हुए उपचुनाव में भाजपा की बड़ी जीत का फायदा भी उन्हें मिल सकता है। सांसद चौहान को केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल करने की मांग लंबे अरसे से की जा रही है। वे खंडवा लोकसभा से छटवीं बार सांसद चुने गए है। वहीं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास दो से अधिक महत्वपूर्ण विभाग होने के कारण उनके भी विभागों में कटौती की जा सकती है।
मालवा, महाकौशल और बुंदेलखंड के नेताओं को भी उम्मीद अभी तक मध्यप्रदेश से मोदी सरकार में नरेंद्र सिंह तोमर, थावर चंद गहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल मंत्री हैं। वहीं मध्यप्रदेश से राज्य सभा सदस्य धर्मेंद्र प्रधान भी मोदी सरकार में शामिल हैं लेकिन वे एमपी से कोई वास्ता नहीं रखते हैं। अब सिंधिया को मंत्री बनाने से केंद्र में एमपी का कद और बढ़ जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि पटेल, कुलस्ते और गहलोत ओबीसी, एसटी, एससी कोटे से मंत्री हैं, इसलिए उनका मंत्री पद किसी तरह की दिक्कत में नहीं आएगी। वहीं तोमर प्रधानमंत्री मोदी के गुडविल में हैं। इसलिए वे सशक्त केंद्रीय मंत्री की भूमिका में बने रहेंगे। इस विस्तार में यह जरूर होगा कि ग्वालियर चंबल से तोमर और सिंधिया दो मंत्री हो जाएंगे जबकि मालवा, महाकौशल, बुंदेलखंड से एक मंत्री पहले से हैं। मध्यभारत और विन्ध्य जरूर इससे वंचित रह सकते हैं।