शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक संपादकीय में कहा गया है, मुंबई को छोड़कर एलबीटी को जब खत्म किया जा रहा है, ऐसे में 26 अन्य निगमों को 6,195 करोड़ रूपये का नुकसान होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस नुकसान की भरपाई वैट पर अधिभार के जरिए पूरी होगी। अब सरकार को यह साफ करने की जरूरत है कि कितना नुकसान होगा और उसे किस तरह दूर किया जाएगा।
हालांकि, मुंबई मेट्रो-3 रेल परियोजना को विकसित करने के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की गई है, पर सरकार के लिए यह बेहतर होगा कि मुंबई के बाशिंदों से संबंधित अन्य चीजों पर भी गौर किया जाए। इसमें कहा गया है, बजट में प्रस्तावित तटीय सड़क परियोजना के लिए कोष का आवंटन, मुंबई की बीडीडी चाल की पुनर्विकास योजना, मिल मजदूरों के मकानों के लिए आर्थिक प्रावधान होना चाहिए था।
शिवसेना ने कहा है कि हालांकि, राज्य के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह साफ किया है कि इस साल का बजट खर्चे पर नहीं बल्कि लक्ष्य पूरे करने पर आधारित है, ऐसे में सरकार को गंभीरता से इसे हासिल करने के लिए काम करना होगा। सामना में कहा गया है कि पूर्व की कांग्रेस-राकांपा सरकार की गलत नीतियों के कारण राज्य सरकार का खजाना खाली हो चुका है और इसके बावजूद कई योजनाओं की घोषणा कर कुल मिलाकर एक सुरक्षित बजट पेश किया गया है।