सौर घोटाले में नाम आने के बाद केरल के मुख्यमंत्री ओमान चांडी की मुश्किलें अब बढ़ती जा रही हैं। गुरुवार को त्रिशूर की सतर्कता अदालत ने चांडी और उनके कैबिनेट के एक मंत्री के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दे दिया है। बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री चांडी और उनके मंत्री पर करोड़ों रुपए घूस के तौर पर लेने का आरोप है। जांच आयुक्त और विशेष न्यायाधीश (सर्तकता) त्रिशूर द्वारा सतर्कता विभाग को मामले में चांडी और आर्यदन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के कुछ घंटे बाद चांडी ने कहा कि यदि आरोप सही साबित हो जाते हैं तो वह इस्तीफा दे देंगे और सार्वजनिक जीवन से अलग जाएंगे। वहीं, माकपा के नेतृत्व वाली एलडीएफ ने तत्काल चांडी के इस्तीफे की मांग की है। इससे पहले चांडी मामले की जांच के लिए बनी न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग के समक्ष गवाह के तौर पर पेश हुए थे, जहां उनसे 14 घंटे से भी ज्यादा समय तक पूछताछ की गई थी। चांडी ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया और सभी आरोप राजनीतिक हैं। साथ ही उन्होंने कहा, झूठे आरोप लगाकर और नीचा दिखाकर उन्हें पद से नहीं हटाया जा सकता।
बता दें कि इस मामले की मुख्य आरोपी सरिता एस नायर ने बुधवार को कोच्चि में जांच आयोग के समक्ष अपना बयान दर्ज कराते हुए चांडी और ऊर्जा मंत्री आर्यादन मोहम्मद पर आरोप लगाया था कि सीएम के एक करीबी ने उनसे 7 करोड़ रुपये की मांग की थी। सरिता ने बताया कि उन्होंने उसे 1 करोड़ 90 लाख रुपये और मंत्री आर्यदान मोहम्मद को 40 लाख रुपये की रिश्वत दी थी। हालांकि केरल के सीएम ओमन चांडी ने आरोपों को बकवास बताते हुए आरोपों से इनकार कर दिया था। चांडी ने उन पर लगाए गए रिश्वत लेने के आरोपों को राजनीतिक षड़यंत्र बताते हुए इसके लिए बार मालिकों के एक वर्ग को दोषी ठहराया था। चांडी ने कहा, आरोप शराब लॉबी की मिलीभगत से रचे गए राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा हैं। सरकार ने कई शराब बारों को बंद करने का साहसिक कदम उठाया था। बार मालिक विभिन्न अदालतों में लड़ाई हार गए, इसलिए अब वे सरकार पर निशाना साधने के लिए नए आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने दावा किया था कि सरकार के पास इस संबंध में पुख्ता सबूत है।
गौरतलब है कि 2013 में राज्य में सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट से जुड़ी एक निजी कंपनी की आर्थिक गड़बड़ियों का खुलासा हुआ था। आरोप है कि फर्जी कंपनियों के माध्यम से सौर पैनल समाधान और सोलर प्रोजेक्ट के नाम पर केरल और पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के कई लोगों से करोड़ों रूपये की धोखाधड़ी की गई। उस घोटाले में कंपनी के निदेशक बीजू राधाकृष्णन और उसकी लिव इन पार्टनर सरिता नायर मुख्य आरोपी हैं। मामले में एक अन्य आरोपी शालू मेनन है जो एक्टर–डांसर है। इन सभी के विरुद्ध मिली शिकायतों के आधार पर धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज किए गए थे। दोनों ने कथित तौर चांडी सहित बड़े नामों का इस्तेमाल करते हुए अपने व्यवसाय का प्रचार किया। मामले में नौ महीने तक जेल में रहने के बाद सरिता को जहां जमानत मिल गई, वहीं राधाकृष्णन अब भी जेल में है।