कोरोना की दूसरी लहर उतार पर है मगर तीसरी लहर का आकलन डराने वाला है। तीसरी लहर के बच्चे शिकार होंगे इसको लेकर अभी विशेषज्ञों की आम राय नहीं बनी है। इस बीच झारखंड सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की मदद से जो रिपोर्ट तैयार करायी है उसके अनुसार तीसरी लहर में सिर्फ झारखंड के ही सात लाख 17 हजार बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का आकलन किया गया है। इसमें 2.87 लाख बच्चों में संक्रमण के लक्ष्ण दिखेंगे।
आशंका है कि इनमें 8610 बच्चे गंभीर रूप से पीड़ित होंगे जिन्हें आइसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी। बच्चों से मतलब शून्य से 18 साल के बच्चे। विशेषज्ञों के आकलन को लेकर एक हैंडबुक तैयार किया गया है जिसका मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने मंगलवार को विधिवत विमोचन किया। इसी बुकलेट को आधार मान कर स्वास्थ्य विभाग अपनी तैयारी करेगा। देश भर के चिकित्सकों, विशेषज्ञों, जानकारों से विमर्श कर रोड मैप के रूप में इस बुकलेट '' मैलुअल्स फॉर प्रिपरेशन, प्रिवेंशन एंड प्लानिंग फॉर कोविड-19 थर्ड वेब इन झारखण्ड, दि वे फॉरवर्ड'' का निर्माण किया गया है। इधर मुख्यमंत्री के अनुसार तीसरे चरण से मुकाबले के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।
प्राधिकृत समिति ने इस आकलन के मद्देनजर किस तरह के कितने संसाधनों की आवश्यकता होगी उसके संबंध में राज्य सरकार से सिफारिश की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के स्टटे नोडल ऑफिसर सिद्धार्थ त्रिपाठी के अनुसार प्राधिकृत समिति ने राज्य के सभी सदर अस्पतालों में पेडियाट्रिक आइसीयू चालू करने की सिफारिश की है। जिलों में यह दस बेड का जबकि प्रमंडल मुख्यालय के अस्पतालों में 20 बेड का होगा। इनें वेंटिलेटर थेरेपी, हाई फ्लो नोजल केनुला, सीपैप की सहूलियत होगी। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बच्चों के लिए ऑक्सीजन युक्त दस-दस बेड के वार्ड की जरूरत बतायी गई है। स्वास्थ्यकर्मियों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर है। सभी उपायुक्तों, सिविल सर्जनों व दूसरे अधिकारियों की तीसरे लहर के दौरान एक प्रकार से जिम्मेदारी तय कर दी गई है। सरकारी कोविड बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में अभी तक 3,42,179 पॉजिटिव केस आये हैं। इनमें अभी भी 5075 एक्टिव केस हैं और 5099 लोगों की मौत हो चुकी है। इस हिसाब से तीसरी लहर में सात लाख से अधिक बच्चों के संक्रमित होने की आशंका अभी से लोगों को दहलाने लगी है।