चुनाव आयोग ने इसी साल उत्तर प्रदेश के कैराना में हुए उपचुनाव में वोटों की गिनती में गड़बड़ी पर सख्त कार्यवाही की है। आयोग ने शामली के डीएम इंद्र विक्रम सिंह को हटा दिया है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि इंद्र विक्रम सिंह से एक साल तक कोई चुनावी कार्य ना लिया जाए। राज्य सरकार ने उन्हें प्रतीक्षारत रखते हुए नियुक्ति विभाग में योगदान देने का निर्देश दिया है।
भारत निर्वाचन आयोग ने कैराना लोकसभा और नूरपूर विधानसभा क्षेत्र के लिए हाल ही में उपचुनाव कराया था। पहले तो मतदान के दौरान ईवीएम खराब होने की शिकायतें भाजपा और सपा दोनों ने कीं। इसके बाद आयोग को कई स्थानों पर ईवीएम बदलवानी पड़ी। साथ ही दर्जनों बूथों पर दोबारा मतदान कराना पड़ा। शामली में वोटों की गिनती में गड़बड़ी का बड़ा मामला सामने आने पर आयोग ने जांच बैठा दी। शामली में चुनाव आयोग की जांच में करीब तीन हजार वोटों की गड़बड़ी मिली है। टैबुलेशन में इस्तेमाल होने वाले फॉर्म 21 ई में हर राउंड के वोटों की प्रत्याशीवार एंट्री की जाती है। इसमें गलतियां सामने आई हैं। इसके लिए सीधे तौर पर रिटर्निंग अफसर यानी डीएम की जिम्मेदारी होती है। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उपचुनाव में जीत का अंतर काफी अधिक होने के कारण परिणाम पर असर नहीं पड़ा लेकिन नजदीकी मुकाबले में दिक्कत हो सकती थी। सहारनपुर के नूरपुर विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव को लेकर शिकायतें की गईं थीं। जिसके बाद सरकार ने तत्कालीन डीम को कुछ समय बाद हटा दिया था।
इस बारे में रालोद के राज्य प्रभारी राजकुमार सांगवान का कहना है, ‘शामली के डीएम का आचरण ठीक नहीं था। पार्टी ने पहले ही आपत्ति की थी। चुनाव की शुचिता को डीएम ने तार-तार किया। उन्होंने बीएलओ और पीठासीन अधिकारी को भाजपा का साथ देने के लिए धमकाया था। जिस कारण तीन सौ से ज्यादा ईवीएम ने काम नहीं किया लेकिन जनता ने इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। सरकार ने मन मारकर उन्हें हटाया है। डीएम के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए थी।‘