अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासी गर्मी काफी बढ़ गई है। अयोध्या में शनिवार को शिवसेना के आशीर्वाद समारोह और अगले दिन विहिप की धर्मसभा के आयोजन ने प्रशासनिक तंत्र और सरकार की नींद उड़ा दी है। थोड़ी राहत की खबर यह है कि शिवसेना ने वक्त की नजाकत को देखते हुए स्पेशल ट्रेन का समय बदलकर आज रात 11 बजे करने के लिए रेलवे को पत्र लिखा है। अयोध्या मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात 8:30 बजे अहम बैठक भी बुलाई है।
पुलिस ने मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी की आवास की सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्य मार्ग से आवास की तरफ जाने वाली सड़क को सील कर दिया गया है और दोनों तरफ आरएएफ की कंपनी लगाई गई है। इसके अलावा सिविल पुलिस भी तैनात है। अयोध्या में राम लला का दर्शन दो पालियों में किया जाता है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक सुबह सात से 11 बजे तक 8927 और एक बजे से पांच बजे तक 8753 दर्शनार्थियों ने कपाट बंद होने तक राम लला के दर्शन किए हैं।
शिवसेना का बदला गया शेड्यूल
इसके पहले दो स्पेशल ट्रेनों से शिवसैनिक अयोध्या पहुंचे। जहां, शनिवार सुबह उन्होंने हनुमानगढ़ी और रामलला के दर्शन किए। शिवसैनिक पहले मंदिर फिर सरकार, शिवसेना की यही पुकार का नारा लगा रहे थे।
शिवसैनिकों की बढ़ती चहल-पहल को देखते हुए प्रशासन ने राम जन्मभूमि मार्ग पर प्रवेश रोकने के साथ हनुमान गढ़ी का रास्ता भी बंद कर दिया। अयोध्या रेलवे स्टेशन के अधीक्षक महेंद्र नाथ मिश्रा ने कहा कि पार्टी के निवेदन पर शेड्यूल बदला गया है। आज सुबह आने वाली स्पेशल ट्रेन आज रात 11 बजे नासिक के लिए होगी रवाना। दूसरी ट्रेन अपने निश्चित शेड्यूल पर कल 25 नवंबर को शाम छह बजे मुंबई के लिए होगी रवाना।
मैं सपा अध्यक्ष से सहमत, सेना बुलाई जाए: राजभर
अयोध्या को लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर भी चल रहा है। कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अयोध्या में धारा 144 लगाई गई है लेकिन फिर भी इतनी बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हो रहे हैं। इसका मतलब है कि प्रशासन फेल हो गया है। मैं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से सहमत हूं कि अयोध्या में प्रशासन फेल हो चुका है। इसलिए जरूरी है कि वहां सेना बुलाई जाए।
अनहोनी टालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ले स्थिति का स्वतः संज्ञान: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आज अयोध्या की स्थिति गंभीर है। स्थानीय निवासी आतंकित और आक्रोशित हैं। उन्हें अपने घरों में कैद कर दिया गया है। बाहरी लोगों के बढ़ते हूजूम के कारण हर तरफ उत्तेजना और संशय का वातावरण व्याप्त है। भाजपा का इतिहास पहले भी वहां छल और धोखे का रहा है। इसलिए प्रबुद्ध समाज और शासन के शीर्ष अधिकारियों को सतर्क और सजग रहकर हस्तक्षेप करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अयोध्या में जो हालात बन रहे हैं, उससे पूरे प्रदेश में दहशत है। लोग तमाम आशंकाओं से ग्रस्त हैं और अफवाहें तेजी से चल रही हैं। जनता की परेशानी यह है कि अयोध्या में जिन तत्वों का जमावड़ा हो रहा है, उनको भाजपा की ओर से, जिसकी केन्द्र और राज्य दोनों में सरकारें हैं, प्रोत्साहन मिल रहा है। भाजपा अपनी विफलता छुपाने के लिए भी अयोध्या का मुद्दा उठाने से बाज नहीं आएगी।
सच तो यह है कि भाजपा को न तो संविधान पर भरोसा है और न सर्वोच्च न्यायालय पर। अयोध्या में जानमाल की भारी क्षति होने का अंदेशा है। सर्वोच्च न्यायालय के प्रति अवमानना प्रदर्शित की जा रही है। अयोध्या में बाहर से भारी संख्या में लोग बुलाए गए हैं। भाजपा-शिवसेना नेता उत्तेजक भाषण एवं बयान दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसी अनहोनी को टालने के लिए सर्वोच्च न्यायालय को स्थिति का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। शांति व्यवस्था बनाए रखने के काम में सेना का भी सहयोग लिया जाना चाहिए। भाजपा की राज्य सरकार ने 20 महीने में ही इतना डरा दिया है कि लोग अवसाद में हैं। जनता को भरोसा नहीं कि भाजपा के लोग कब क्या कर बैठेंगे?
एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार ने बताया कि पुलिस बल को निर्देशित किया गया है कि निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दर्शन करने में बाधा न हो और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जाए। स्थिति पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए डीजीपी हेडक्वार्टर के नियंत्रण कक्ष में 24 नवंबर की सुबह से 26 नवंबर की सुबह तक 24 घंटे कानून व्यवस्था पर नजर रखने के लिए दो एसपी, दो एएसपी, एक सीओ, तीन इंस्पेक्टर, तीन सब इंस्पेक्टर और तीन सिपाहियों की तीन पालियों में ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा अयोध्या को नौ जोन और 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा स्कीम के अनुसार कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए एक अतिरिक्त पुलिस बल दिया गया है। एक अपर पुलिस महानिदेशक, एक पुलिस उपमहानिरीक्षक, तीन पुलिस अधीक्षक, 10 एएसपी, 21 सीओ, 11 निरीक्षक, 160 सब इंस्पेक्टर, सात सौ सिपाही, 48 कंपनी पीएएसी, दो एटीएस कमांडो टीम, नौ कंपनी आरएएफ, नई तकनीक से लैस ड्रोन कैमरा भी लगाया गया है। इसके अलावा अलग से यातायात कर्मी भी तैनात किए गए हैं।