चुनाव करीब आता है तो सरकार धड़ाधड़ फैसले करने लगती है। उन तमाम लंबित मामलों को निबटाये जाते हैं जिनके भरोसे चुनावी नैया पार लग सके। अपनी विधायकी पर उठे सवाल और मंडराते खतरे को देखते हुए हेमन्त सरकार भी लगातार जनता और सरकारी सेवकों या सरकार से जुड़ी जमात से संबंधित मामलों पर निर्णय कर रही है।
चुनाव करीब आता है तो सरकारी सेवा से जुड़े संगठन भी आंदोलन पर उतर आते हैं अपनी मांगों की सूची सरकार को पकड़ाने लगते हैं दबाव बनाने लगते हैं। कुछ यही स्थिति झारखंड में भी बनी हुई है। सोमवार को ही अपनी मांगों को लेकर कोई डेढ़ दर्जन संगठनों के प्रतिनिधि अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के पास पहुंचे। समय की संजीदगी देखते हुए हेमन्त सोरेन ने भी उन्हें गंभीरता से सुना और जल्द उनकी वाजिब मांगों को पूरा करने का भरोसा दिलाया।
सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने विभागों की मैराथन बैठक की। नई खेल नीति को हरी झंडी दी और मंगलवार को समारोह पूर्वक उसका लोकार्पण कर दिया। खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति, पेंशन की सुविधा देने, वर्ग दो से चार तक के पदों पर सीधी भर्ती, शिक्षण संस्थानों में नामांकन में आरक्षण, राज्य में फुटबॉल और हॉकी के लिए प्रीमियर लीग का आयोजन, डे बोर्डिंग, आवासीय खेल विकास केंद्र के साथ-साथ खेल विश्वविद्यालय और खेल अकादमी की स्थापना का निर्णय किया गया।
सूखे को देखते हुए नीति आयोग के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने झारखंड के लिए विशेष पैकेज की मांग की थी। सोमवार को उन्होंने आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक में कम बारिश को लेकर पैदा हुई स्थिति का जायजा लिया और दीर्घकालीन राहत के लिए एक लाख नए कुएं और एक लाख तालाब बनाने का एलान कर दिया। मनरेगा के तहत कच्चे काम पर लगी रोक को भी हटा दिया। ताकि ग्रामीणों, किसानों की माली हालत सुधर सके, पलायन पर रोक लग सके। विभागों से समन्वय कायम कर दो-ढाई हजार करोड़ की योजना बनाने का निर्देश दिया। सोमवार को ही जल सहियाओं को पहले की तरह 1200 के बदले 24 सौ रुपये मासिक प्रोत्साहन राशि देने का फैसला कर लिया।
अपनी मांगों को लेकर सीएम के आवासीय कार्यालय पहुंचे अनेक संगठनों के लोगों से मुलाकात की ज्ञापन लिया, वाजिब मांगों पर जल्द निर्णय का भरोसा दिया। कहा कि पूर्व की सरकार की गलती को जल्द सुधरेंगे। जेटेट सफल अभ्यर्थी एसोसिएशन, जेटेट उत्तीर्णय शिक्षक बहाली मोर्चा, मनरेगा कर्मचारी संघ, प्लस टू प्रतिभागी संघ, घंटी आधारित शिक्षक संघ, रक्षा वाहिनी स्वयंसेवक संघ, ऑग्जीलियरी पुलिस, जिला पुलिस सफल अभ्यर्थी संघ, रांची के सदर अस्पताल से हटाये गये सुरक्षाकर्मी, हाई स्कूल नॉन ज्वाइनिंग अभ्यर्थी संघ, एसबीएम ब्लॉक कोआर्डिनेटर, जल सहिया समिति, असिस्टेंट टाउन प्लानर सफल अभ्यर्थी संघ, डे बोर्डंग एवं आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के प्रशिक्षक आदि मिले।
देखना यह है कि कितने कम समय में इन संगठनों की समस्याएं दूर होती हैं। हाल ही मुख्यमंत्री कैबिनेट से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मंजूरी दे चुके हैं, लाखों गरीबों से जुड़ी सर्वजन पेंशन योजना की मंजूरी भी दी जा चुकी है। ओबीसी को आरक्षण का कोटा बढ़ाने के लिए समिति गठित की जा चुकी है वहीं चिर लंबित मांग 1932 के खतियान की दिशा में कदम बढ़ाने का भी वादा कर चुके हैं। इस तरह के कई और मास से जुड़े फैसले हेमन्त कर चुके हैं। 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस है उस मौके पर भी सरकार कुछ बड़ी घोषणा की तैयारी में है।