केरल खेल परिषद की अध्यक्ष अंजू ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन से भी शिकायत की थी। अंजू का कहना है कि उन्हें पिछली कांग्रेसनीत यूडीएफ सरकार ने इस पद पर नियुक्त किया था। अंजू ने आरोप लगाया कि खेल मंत्री ने उन्हें अपमानित किया और कठोर शब्दों में बात की। इस पर विजयन ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा, खेल मंत्री ने उनसे (अंजू से) सिर्फ उनकी फ्लाइट के बारे में पूछा था। यह अपमानजनक कैसे हो सकता है? मुख्यमंत्री ने कहा, पिछली सरकार ने उन्हें कई तरह की रियायतें दी हैं, जिसमें बेंगलुरू से तिरूवनंतपुरम तक फ्लाइट टिकट प्रायोजित करना भी शामिल था। यह उचित प्रक्रिया नहीं है।
वर्ष 2003 में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पदक जीतकर इतिहास रचने वाली अंजू ने कहा कि नयी राज्य सरकार के सत्ता में आने के बाद वह सात जून को परिषद के उपाध्यक्ष के साथ खेल मंत्री से मिलने गयी थी। अंजू ने पीटीआई से कहा, हमने सोचा कि वह केरल में खेलों के स्तर के बारे में हमसे बात करेंगे। पहली ही बैठक में मंत्री ने कहा कि आप सभी को पिछले मंत्रालय ने सदस्य चुना है। इसलिये आप सभी दूसरी पार्टी के सदस्य हो। आप जो भी नियुक्तियां और तबादले कर रहे हो, गैर कानूनी हैं। एथलीट ने कहा कि परिषद की बैठक में शिरकत लेने के लिये उनके द्वारा बेंगलुरू से तिरूवनंतपुरम तक लिये गये फ्लाइट टिकट पर भी मंत्री ने आपत्ति जतायी। यह सुविधा उन्हें पिछली सरकार ने दिलायी थी। बेंगलुरू में बसी अंजू ने कहा कि मंत्री ने उनसे कहा कि यह भ्रष्टाचार है और नियमों के खिलाफ है और वह इन सब चीजों को रोक सकते हैं। अंजू ने बताया कि मंत्री ने उन्हें और अन्य सदस्यों को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया। अंजू ने कहा कि हम किसी राजनीतिक पार्टी के लिये काम नहीं कर रहे। खेल ही हमारी पार्टी है। मैं किसी पार्टी कांग्रेस या भाजपा की सदस्य नहीं हूं।