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कानपुर सहित यूपी के कई शहरों में विरोध की आग भड़की, छह की मौत

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुक्रवार की दोपहर...
कानपुर सहित यूपी के कई शहरों में विरोध की आग भड़की, छह की मौत

उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुक्रवार की दोपहर हिंसक हो गया। जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल में आज छह लोगों की मौत हो गई जबकि एक गुरुवार को लखनऊ में मारा गया। बिजनौर में दो युवकों की जबकि संभल, मेरठ और फिरोजाबाद में 1-1 लोगों की मौत हो गई। घटना मेें कई पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। खबर है कि कानपुर में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष में आठ लोगों के गोली लगी है। मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकी फूंक दी। इस बात की पुष्टि करते हुए यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव, अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि नागरिकता कानून के विरोध में हुई हिंसा के दौरान आज 5 लोगों की मौत हो गई।

वहीं, कई जिलों में प्रदर्शनकारी उग्र हो गए। उन्होंने पुलिस पर पथराव किया तो गोरखपुर में पुलिस और लोगों ने एक दूसरे पर पत्थर फेंके। वाहनों को आग के हवाले कर दिया। पुलिस चौकी में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। करीब 15 जिलों में इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई है। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। वहीं, दिल्ली की जामा मस्जिद के बाहर लोगों ने प्रदर्शन किया जिसके चलते कई मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए।

गोरखपुर में किया प्रदर्शन

कई शहरों में नमाज पढ़ने के बाद प्रदर्शनकारी यूपी पुलिस के साथ भिड़ गए और रैलियों को निकालने से रोक दिए जाने पर पथराव और आगजनी की। इस पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। संवेदनशील क्षेत्रों में, पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। प्रदर्शनकारियों ने फिरोजाबाद में पुलिसकर्मियों सहित कम से कम छह वाहनों में आग लगा दी, जिससे पुलिस ने तितर-बितर करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू-गैस के गोले दागे।

भदोही के एसपी राम बदन सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर बरसाए और कई मोटरसाइकिलों को क्षतिग्रस्त कर दिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में बड़े प्रदर्शनों का आयोजन किया गया, जुमे की माज के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।

पुलिस चौकी फूंकी

शुक्रवार को गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर, उन्नाव, बुलंदशहर, हाथरस, हापुड़, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, सीतापुर, बिजनौर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद, भदोही और बहराइच में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया। मेरठ जिले में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की इस्लामाबाद चौकी को आग लगा दी। इसके साथ ही कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की गई। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आंसू गैस के गोले दागे। हरदोई और फर्रुखाबाद में वाहनों में आग लगा दी और पुलिस चौकियों में तोड़फोड़ की।  हालांकि, देवबंद में, विरोध प्रदर्शन अपेक्षाकृत अहिंसक रहा।

19 पर की एफआईआर

दिल्ली से लेकर मुंबई, लखनऊ और बेंगलुरु तक प्रदर्शनकारी इस कानून के खिलाफ सड़कों पर हैं। गुरुवार को प्रदर्शन के दौरान लखनऊ में एक और मंगलौर में 2 की मौत हो गई। प्रदर्शन के चलते प्रदेश भर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। गुरुवार को हुए प्रदर्शन में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ 19 एफआईआर दर्ज की हैं। सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क समेत 17 पर मामला दर्ज हुआ है।

तीन हजार गिरफ्तार किए

पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि लखनऊ में 350 लोगों के सहित 3,000 लोगों को हाल ही में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा के मामले में गिरफ्तार किया गया है। विरोध के बाद से 3,037 फेसबुक पोस्ट, 1,786 ट्विटर पोस्ट और 38 यूट्यूब वीडियो (हिंसा के दृश्य) हटा दिए गए हैं। पुलिस ने कहा कि राजधानी सहित 15 जिलों में इंटरनेट और डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) सेवाएं बंद कर दी गईं। गाजियाबाद में शनिवार सुबह दस बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा सस्पेंड कर दी गई है।

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