Advertisement

किसानों को रोकना संवैधानिक व्यवस्था की हत्या: जयंत चौधरी

भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। लेकिन इन किसानों...
किसानों को रोकना संवैधानिक व्यवस्था की हत्या: जयंत चौधरी

भारतीय किसान यूनियन की अगुवाई में हजारों की संख्या में किसान दिल्ली कूच कर रहे हैं। लेकिन इन किसानों को दिल्ली में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी गई है, बावजूद इसके किसान अपनी जिद पर अड़े हैं। इस बीच दिल्ली-यूपी बॉर्डर को सील कर दिया गया है। साथ ही बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। ऐहतियातन पूर्वी दिल्ली में धारा-144 लागू कर दिया गया है। वहीं, किसानों से मिलने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) अध्यक्ष अजित सिंह यूपी गेट के लिए निकल चुके हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को हमारा पूरा समर्थन है।

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि किसान अगर आज सड़कों पर है तो यह भाजपा की सरकारों के वादाखिलाफी के विरुद्ध आक्रोश को और कृषि संकट को प्रमाणित करता है।

उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर राजधानी की सीमा पर पहुंची 'किसान क्रांति यात्रा' को केन्द्र सरकार द्वारा दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत देने से मना करना अलोकतांत्रिक है और संवैधानिक व्यवस्था की हत्या है। देश की राजधानी, राजघाट या किसान घाट किसान के लिए बंद क्यों? ऐसा प्रतीत हो रहा है, जैसे सरकार सुनने के बजाय, गरीबों की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल मांग करता है कि सरकार शांतिपूर्ण जन आंदोलन का सम्मान करे और किसान की मांगों को स्वीकार कर लागू करे।

रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने आरोप लगाया कि देश भर के किसान बुरे दौर से गुजर रहे हैं। किसानों को न गन्ने की फसल का भुगतान समय पर मिल रहा है और न ही किसी फसल की उचित मूल्यों पर खरीद हो रही है। पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही वृद्धि से किसानों की कमर टूट गई है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और किसानों के नाम से चल रही अन्य योजनाएं या तो अव्यवहारिक हैं या फिर उनके क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार व्याप्त है। फलस्वरूप, उनका कोई लाभ गांव तक नहीं पहुंच रहा है। उत्तर प्रदेश में तो राज्य सरकार ने विद्युत दरें इतनी बढ़ा दी हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में हर घर पर आर्थिक तंगी के काले बादल मंडरा रहे हैं।

क्या है मामला?

कर्जमाफी और बिजली बिल के दाम करने जैसी मांगों को लेकर किसान क्रांति पदयात्रा 23 सितंबर को हरिद्वार से शुरू हुई थी। जिसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और मेरठ जिलों से गुजरते हुए किसान सोमवार को गाजियाबाद तक पहुंच गए। जहां इन किसानों को रोक दिया गया। इन किसानों की योजना गांधी जयंती के मौके पर राजघाट से संसद तक मार्च करने की है। लेकिन दिल्ली पुलिस की ओर से उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई है। साथ ही दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर को सील कर दिया गया है। यूपी पुलिस और दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया गया है।

हरिद्वार से दिल्ली के लिए भारतीय किसान क्रांति यात्रा सोमवार को साहिबाबाद पहुंच गई । इस दौरान हजारों की संख्या में किसानों ने जीटी रोड को पूरी तरह जाम कर दिया दिल्ली के लिए कूच करने लगे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad