केरल के कथित 'लव जिहाद' के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूरे मामले की जांच नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस आर वी रविंद्रन की देख-रेख में यह जांच होगी। एनआईए ने भी कोर्ट में कहा है कि पहली नजर में यह इस तरह का अकेला मामला नहीं लगता।
केरल सरकार का कहना है, अगर सुप्रीम कोर्ट मामले की एनआईए से जांच कराना चाहती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
क्या है पूरा मामला
केरल की रहने वाली अखिला अशोकन के पिता केएम अशोकन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुस्लिम युवक सैफीन पर आरोप लगाया था कि उसने उनकी बेटी को बहला-फुसलाकर पहले धर्म परिवर्तन कराया और शादी करने के बाद उसे ISIS में शामिल होने का दबाव बना रहा है। अशोकन ने इस शादी को तोड़ने के लिए याचिका दाखिल की थी।
इस पर हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए कहा कि शादी उसके जीवन का सबसे अहम फैसला है और उसे इसमें अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए थी। हाईकोर्ट ने इस शादी को खारिज कर दिया था। हाईकोर्ट ने अशोकन को उनकी बेटी अखिला को सुरक्षा देने के लिए कोट्टयम जिला पुलिस को निर्देश दिया। अदालत के आदेश पर महिला छात्रावास में रह रही अखिला अब अपने पिता अशोकन के साथ रहेगी।
क्या है लड़की का बयान
हालांकि अखिला ने कोर्ट के सामने कहा था कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम कबूल किया है। अखिला के मुसलमान बन जाने के बाद अशोकन ने पिछले साल हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।
एक दूसरे मामले में इसी साल अप्रैल में हिंदू युवा वाहिनी के लोग मोराल पुलिसिंग करते हुए उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युगल को पुलिस थाने ले गए थे और लड़के पर कथित 'लव जिहाद' का आरोप लगाया था।