सुप्रीम कोर्ट ने दो निर्दलीय विधायकों आर शंकर और एच नागेश की ओर से विश्वासमत के लिए जल्द वोटिंग कराए जाने का निर्देश देने की मांग से जुड़ी याचिका पर सुनवाई एक बार फिर टाल दी है। कोर्ट ने बुधवार तक इस सुनवाई को टाल दिया है। बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि स्पीकर शक्ति परीक्षण के तहत होने वाली वोटिंग को जानबूझ कर लटकाने की कोशिश कर रहे हैं। बता दें कि इससे पहले सोमवार को भी कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए टाल दिया था।
विधायकों की कोर्ट से गुजारिश
रोहतगी ने मंगलवार को सर्वोच्च अदालत से यह गुजारिश की कि वह स्पीकर को निर्देश दे कि वह आज ही शाम को छह बजे तक कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार की विश्वासमत के लिए वोटिंग की प्रक्रिया को पूरा कराएं। इसके बाद अदालत में स्पीकर की ओर से यह कहा गया कि आज शाम तक विश्वास मत पर वोटिंग होने की संभावना है। इस पर अदालत ने दो निर्दलीय विधायकों की ओर से दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई कल यानी बुधवार तक के लिए स्थगित कर दी।
‘अदालत यह उम्मीद करती है कि आज फ्लोर टेस्ट हो जाएगा’
मामले की सुनवाई टाली जाने के बाद बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश पारित करते हुए कहा कि अदालत यह उम्मीद करती है कि आज फ्लोर टेस्ट हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि इस आदेश से स्पीकर को पता चल जाएगा कि उनकी स्थिति क्या है और संविधान उन्हें किस दायित्व के लिए बाध्य करता है।
निर्दलीय विधायकों की याचिका पर कोर्ट ने किया था सुनवाई से इनकार
इससे पहले सोमवार को दो निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश का कहना कि गठबंधन सरकार से उनके समर्थन वापस लेने और कांग्रेस-जद(एस) के 16 विधायकों के इस्तीफे की पेशकश करने के बाद राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया है। इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए 22 जुलाई को न्यायालय के ध्यानार्थ लाया गया जिस पर कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया।
निर्दलीय विधायकों ने दी थी याचिका
कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो विधायक केपीजेपी के आर शंकर और निर्दलीय एच नागेश ने सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। मुकुल रोहतगी ने अर्जी पर आज सुनवाई की मांग की। हालांकि चीफ जस्टिस ने ऐसा आदेश देने से मना कर दिया। इस मामले में कोर्ट अब कल यानी मंगलवार को सुनवाई कर सकता है। अर्जी में कहा गया है कि बहुमत खो चुकी सरकार सदन में शक्ति परीक्षण को टाल रही है।
अपनी याचिका में क्या कहा है विधायकों ने
अपनी याचिका में शंकर और नागेश ने एच डी कुमारस्वामी नीत सरकार को 22 जुलाई को शाम पांच बजे से पहले शक्ति परीक्षण करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। निर्दलीय विधायकों ने अपनी याचिका में कहा है कि सरकार के अल्पमत में जाने के बावजूद विश्वास मत नहीं कराया जा रहा है। याचिका के मुताबिक याचिकाकर्ताओं ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराने के लिए निर्देश देने की शीर्ष न्यायालय से मांग की है।
रविवार को कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ कुमारस्वामी ने की बैठक
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने रविवार को कांग्रेस-जेडीएस विधायकों के साथ ताज होटल में बैठक की। वहीं, बीजेपी नेता बीएस येदियुरप्पा ने फिर से कहा कि सोमवार को गठबंधन सरकार का आखिरी दिन होगा। उधर, मुंबई में मौजूद बागी विधायकों ने कहा, हम यहां सिर्फ गठबंधन (कांग्रेस-जेडीएस) सरकार को सबक सिखाने के लिए आए हैं। इसके अलावा कोई दूसरा मकसद नहीं है। हम यहां पैसे या किसी दूसरी चीज के लालच में नहीं आए। एक बार सबकुछ ठीक हो जाए, बेंगलुरु लौट जाएंगे।
कई दिनों से सरकार बचाने की कोशिशों में जुटी है कांग्रेस-जेडीएस
बता दें कि कांग्रेस-जेडीएस पिछले कई दिनों से सरकार बचाने की कोशिशों में जुटी है, लेकिन बागी विधायकों को मनाने में कामयाब नहीं रही। बागी विधायक किसी भी कीमत पर लौटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में फ्लोर टेस्ट के बाद सरकार का बहुमत साबित करना मुमकिन नहीं दिख रहा।