कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष और वर्तमान उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने केरल में आए ‘ओखी’ तूफान के पीड़ितों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने इस प्रकार की त्रासदियों को बार बार होने से रोकने के लिए बेहतर चेतावनी प्रणाली की आवश्यकता पर बल दिया।
गुरुवार को तिरुवनंतपुरम के पुन्थुरा में ‘ओखी’ तूफान के पीड़ितों से मिलने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा, मैं शारीरिक रूप से यहां नहीं था, लेकिन अपनी आत्मा से मैं यहीं था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को तूफान की वजह से अपनी जान गंवानी पड़ी, उनके प्रति मैं सम्मान व्यक्त करता हूं।
I was not here physically but in spirit I was here, I have come here to pay respects to the people who have passed away: Rahul Gandhi in Thiruvananthapuram's Poonthura #Kerala #CycloneOckhi pic.twitter.com/yM9KuqcIsJ
— ANI (@ANI) December 14, 2017
चक्रवात में मारे गए मछुआरों के परिवारों से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को प्राकृतिक आपदा से सीख लेने की आवश्यकता है, जिसके कारण 95 मछुआरे लापता भी हो गए हैं। उन्होंने तिरूवनंतपुरम के निकट पून्थुरा में प्रभावित परिवारों से बात करते हुए कहा, जब कोई त्रासदी होती है, तो हर किसी को उससे सीख लेनी चाहिए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। हमारे पास समुद्र में जाने वाले मछुआरों के लिए बेहतर चेतावनी प्रणाली होनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा कि मछुआरों की स्थिति किसानों से मिलती जुलती है। उन्होंने कहा, वे दोनों ही मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। स्थानीय लातिन कैथोलिक चर्च की मांग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र में मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया जाए।
गांधी ने कहा, किसानों के पास एक मंत्रालय है जो उनके हितों को देखता है और मेरा मानना है कि अब समय आ गया है कि हम मछुआरों के लिए भी एक मंत्रालय का गठन करें जो उनके हितों को देखे और उन हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
बता दें कि केरल के तट पर आए ओखी तूफान से मरने वालों की संख्या बढ़कर 65 हो गई है। वहीं, केन्द्र ने राज्य सरकार को आश्वासन दिया कि लापता मछुआरों की खोज का अभियान जारी रहेगा।
तूफान में लापता मछुआरों के लिए बचाव एवं राहत अभियान की निगरानी कर रहे राज्य नियंत्रण कक्ष ने बुधवार को 11 और शव बरामद होने के बाद मरने वालों की कुल संख्या 65 बताई। राज्य के तटीय क्षेत्रों में 29 और 30 नवंबर को तूफान ने तबाही मचाई थी।