बिहार में आज शराबबंदी कानून में किए गए बदलाव को लेकर प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि कानून में इस बदलाव से सरकार ने अमीरों को शराब पीने की छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि इस छूट से पुलिस की कमाई बढ़ेगी।
तेजस्वी ने किया कटाक्ष
न्यूज़ एजेंसी एनएनआई के मुताबिक, शराबंबदी कानून में बदलाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि जिस तरह से कानून में चेंज हुए हैं, वो अमीरों को छूट देने जैसे हैं। यादव ने कहा कि शराबबंदी होते हुए भी प्रदेश में शराब पकड़ी जाती रही। ये बिहार सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि राज्य के बॉर्डर पर सख्ती करे और इसे रोके।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून तो सरकार ने लागू कर दिया, मगर जहां असल में कार्रवाई करनी चाहिए थी, वहां कोई एक्शन नहीं लिया गया।
'शराबबंदी बिल गरीब आदमी के लिए लाया गया था'
बिल पेश करने के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी बिल गरीब आदमी के लिए लाया गया था, लेकिन ये लोग अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा शराब पर ही खर्च कर रहे थे। घरेलू हिंसा बढ़ गई थी। मैं इस कानून को गरीबों की बेहतरी के लिए लाया था।
पुराने बिल को लेकर हो रही थी राज्य सरकार की आलोचना
पुराने शराबबंदी बिल में कई कड़े प्रावधान थे जिसे लेकर सरकार की सख्त आलोचना हो रही थी। इस फैसले से नीतीश सरकार को अगले चुनाव में भी भारी नुकसान हो सकता था। इसलिए चुनाव को देखते हुए सीएम नीतीश ने शराबबंदी कानून में बदलाव कर इसे थोड़ा नरम कर दिया।
सीएम नीतीश ने गरीब आदमियों की बेहतरी का दिया हवाला
आज विधानसभा में नीतीश कुमार ने कहा कि शराबबंदी कानून को गरीब आदमी की बेहतरी के लिए लाया गया था। इस कानून में बदलाव को कुछ समय पहले कैबिनेट ने भी मंजूरी दी थी। नए बदलावों के बाद शराबबंदी कानून की धार कम हो गई है। पुराने कानून को लेकर विपक्ष का आरोप था कि इसका जमकर दुरुपयोग हो रहा है और गरीब दलितों-पिछड़ों को फंसासा जा रहा है। इसकी आड़ में पुलिस की अवैध वसूली हो रही है।
शराबबंदी कानून में ये है बड़ा बदलाव
- अब इस कानून जमानती बना दिया गया है।
- पहले ये एक्ट गैर जमानती था यानी शराब के साथ पकड़े जाने पर जेल जाना होता था और 5 साल की सजा का प्रावधान था।
- अब 50 हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल का प्रावधान किया गया है।
- इसके अलावा शराब बनाने, तस्करी और बिक्री करने पर 10 साल से उम्रकैद की सजा का प्रावधान था लेकिन नए कानून में पहली बार अपराध करने पर पांच साल की जेल होगी और दोहराने पर 10 साल की जेल।
बिहार में 2016 से पूर्ण शराबबंदी
बिहार में पांच अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है और इसे कड़ाई से लागू किए जाने के लिए नीतीश कुमार सरकार ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद अधिनियम 2016 को सर्वसम्मिति से विधानमंडल से पारित करवाया था पर बाद में इसके कुछ प्रावधानों को कड़ा बताए जाने और इस कानून का दुरुपयोग किए जाने का आरोप लगाते हुए विपक्ष इसकी आलोचना कर रहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा था कि हम लोगों ने राज्य में पूरी ईमानदारी से शराबबंदी कानून को लागू किया है। इसमें कुछ कड़े प्रावधान हैं, इसके लिए कार्यक्रम में एक राय बनाने के लिए ऑल पार्टी मीटिंग की गई थी।