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राजस्थान में शराब माफियाओं की संपति होगी कुर्क, डूंगरपुर में शुरू हुई पुलिस की पहल

बीते करीब पांच साल से राजस्थान में शराब बंद करने के लिए कई आंदोलन हुए हैं। इस दौरान अनशन करते हुए पूर्व...
राजस्थान में शराब माफियाओं की संपति होगी कुर्क, डूंगरपुर में शुरू हुई पुलिस की पहल

बीते करीब पांच साल से राजस्थान में शराब बंद करने के लिए कई आंदोलन हुए हैं। इस दौरान अनशन करते हुए पूर्व विधायक गुरूशरण छाबड़ा भी करीब तीन साल पहले ही सवाई मानसिंह अस्पताल में दम तोड़ चुके हैं। इसके बावजूद राज्य में शराब का कारोबार बदस्तूर जारी है।

सरकार कई बार कह चुकी है कि किसी भी सूरत में शराब बंद करना मुनासिब नहीं है। सरकार के इस कदम के अलावा हर साल होने वाले टेंडर भी अब दो साल में होने लगे हैं। बीते सात-आठ दिन से राज्य में शराब के ठेकेदारों द्वारा ही खुलेआम 'अवैध कीमतें' वसूली जा रही है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे राज्य सरकार में बैठे एक-दो बड़े अफसरों का खेल है। सरकार को हर माह करीब 1.5 करोड़ रुपए का फायदा हो रहा है, लेकिन इस दौरान ठेकेदार 200 करोड़ रुपयों पर हाथ फैर रहे हैं।

इस बीच प्रदेश में अवैध शराब का कारोबार भी फिर से चरम पर पहुंच चुका है। इसी अवैध कारोबार को कंट्रोल करने के लिए अवैध कारोबारी शराब माफियाओं पर शिंकजा कसने के लिए राजस्थान के पथरीले डूंगरपुर जिले की पुलिस ने एक जोरदार पहल शुरू की है। इस बड़ी योजना के तहत अब वांछित शराब तस्करों की सम्पूर्ण संपति कुर्क करने की योजना शुरू कर दी है।

पीएम मोदी के गृह राज्य गुजरात से सटे इस आदीवासी जिले में शराब तस्करी के मामले में लंबे समय से पुलिस को परेशान कर रहे हैं। गुजरात में शराब बैन होने के कारण वहां के लोगों के पास इस जिले से बड़ी मात्रा में शराब सप्लाई होती है।

अवैध शराब कारोबार से जुड़े और फरार चल रहे कुख्यात शराब तस्करों की अब खैर नहीं है। डूंगरपुर जिला पुलिस ऐसे आधा दर्जन बड़े कुख्यात तस्करों की अचल व बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने की तैयारी कर रही है।

दूसरे जिलों में लागू होगी योजना

डूंगरपुर जिला पुलिस अधीक्षक शंकरदत्त शर्मा के मुताबिक जिले में पिछले कुछ माह में शराब तस्करों के खिलाफ एक दर्जन से अधिक बड़ी कार्रवाइयां की गई थी। इनमें दिलीप कलाल, पुष्पेंद्रसिंह झाला, भरत लंगड़ा, सुखलाल डांगी, शंकर पटेल और राजेन्द्र जाखड़ जैसे बड़े अवैध शराब तस्करों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया था। ये तस्कर हरियाणा से ट्रकों में भरकर शराब डूंगरपुर में लाते हैं और तस्करी के जरिए गुजरात में पहुंचाने का काम करते हैं। काफी प्रयासों के बावजूद ये सभी तस्कर फिलहाल पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

अब कोर्ट ने भी इन बड़े शराब तस्करों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। डूंगपुर जिले में पुलिस का यह अभियान सफल होने की गारंटी पुलिस खुद दे रही है। एसपी शर्मा के अनुसार हम इसको कड़ाई से अमल में लाएंगे। इसके बाद इस योजना को पुलिस बेडे द्वारा राज्य के अन्य जिलों में भी अमलीजामा पहनाया जाएगा।

इस तरह करेंगे कार्रवाई

डूंगरपुर जिला एसपी शंकरदत्त शर्मा के अनुसार कोर्ट द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी यदि इन अवैध शराब तस्करों की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो पुलिस इनकी जमीन—जायदाद और चल—अचल संपत्ति का ब्यौरा लेकर कुर्क करने की कार्रवाई करेगी। कुर्की के लिए इन शराब तस्करों की संपत्ति का ब्यौरा भी जुटाया जा रहा है। उन्होंने बताया है कि जल्द ही कोर्ट से आदेश लेकर कुर्की की जाएगी।

जानकारी में आया है कि पिछले दिनों जयपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में हुई अहम बैठक में इस काम को अंजाम देने के लिए आला अफसरों ने गहन मंथन किया है। कभी भी राज्य के दूसरे जिलों में योजना को शुरू किया जाएगा।

400 करोड़ का है खेल

अब एक और जानकारी सामने आई है कि राज्य के एक आला अधिकारी ने बीते दिनों बैठक कर बीयर कम्पनियों को चुनाव से पहले-पहले 400 करोड़ रुपए जुटाकर देने का लक्ष्य दिया था। जिसके एवज में शराब कम्पनियों ने कहा कि वर्तमान दरों पर यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आप मनमर्जी से रेट वसूल सकते हैं, पुलिस और प्रशासन कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा। इसके बाद लगातार आठ दिन से राज्य में शराब के दाम अवैध रूप से वसूले जा रहे हैं। प्रत्येक दुकान को हर माह 15 हजार रुपए देने का टारगेट दिया बताया जा रहा है।

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