Advertisement

निकल गई विरोध के गुब्बारों की हवा ,भाजपा ने ऐसे जीती बाजी

युवा पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी को लेकर चल रहीं बगावत और पार्टी में टूट की सोशल मीडिया की खबरें फेंक...
निकल गई विरोध के गुब्बारों की हवा ,भाजपा ने ऐसे जीती बाजी

युवा पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी को लेकर चल रहीं बगावत और पार्टी में टूट की सोशल मीडिया की खबरें फेंक साबित हुईं। भाजपा हाईकमान अपने फैसले पर अडिग रहा और विरोध के गुब्बारे में हवा भरने वाले नेताओं ने पार्टी के फैसले को शिरोधार्य किया। अब तो इन नेताओं की समझ में आ ही जाना चाहिए कि ये कांग्रेस नहीं, नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा है और कम से कम उत्तराखंड में वहीं होगा,जैसा ये जोड़ी चाहेगी। एक न्यूज पोर्टल ने लिखा कि गर न मानते तो न रहते कहीं के भी।

हाईकमान के निर्देश पर विगत दिवस युवा विधायक पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री मनोनीत किया गया। इसके तत्काल बाद से ही कुछ वरिष्ठ विधायकों की नाराजगी की खबरें सोशल मीडिया में वायरल होने लगीं। मुख्य धारा का मीडिया भी इससे अलग नहीं रहा। रविवार सुबह से सोशल मीडिया में ज्ञान फैलाया जाने लगा कि फलां मंत्री नाराज और अमित शाह ने मनाया। फलां मंत्री के घर पर हो रही 36 नाराज विधायकों की बैठक। फलां मंत्री के नेतृत्व में भाजपा में 38 विधायक कर रहे विधायक।

आउटतुक ने अपने स्तर से इसकी पड़ताल की तो पाया कि कथित नाराजगी के गुब्बारे में भरी हवा में कोई दम नहीं है। सोशल मीडिया से विरोध के गुब्बारे को कांग्रेस के समय का मान रहा था। जब कोई मंत्री कोप भवन में जाकर अपनी मांगें मनवा लेता था। रविवार शाम को जब सीएम पुष्कर ने अपने 11 सहयोगी मंत्रियों के साथ शपथ ली। ये सभी वहीं मंत्री और राज्यमंत्री हैं जो तीरथ सरकार के समय में थे। इससे सबकी समझ में आ गया कि ये मोदी और शाह के अधिपत्य वाली नई भाजपा है। इसमें वहीं होता है, जो यह जोड़ी चाहती है। एक पोर्टल ने इस कथित विरोध पर एक सटीक टिप्पणी की। उसने लिखा कि अगर न मानते तो कहीं के भी न रहते।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad