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डीएमके में वर्चस्व की लड़ाई? करुणानिधि के बेटे अलागिरी का दावा- मेरे साथ हैं पार्टी कार्यकर्ता

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम करुणानिधि के निधन के कुछ ही दिन बाद पार्टी में वर्चस्व...
डीएमके में वर्चस्व की लड़ाई? करुणानिधि के बेटे अलागिरी का दावा- मेरे साथ हैं पार्टी कार्यकर्ता

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके चीफ एम करुणानिधि के निधन के कुछ ही दिन बाद पार्टी में वर्चस्व की लड़ाई दिखाई देने लगी है। दरअसल, करुणानिधि के बेटे अलागिरी ने डीएमके पर अपना दावा ठोका है। अलागिरी ने कहा 'मेरे पिता के सच्चे सहयोगी मेरे पक्ष में हैं। तमिलनाडु में सभी कार्यकर्ता भी मेरे साथ हैं और वे मुझे प्रोत्साहित कर रहे हैं। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि अब सिर्फ समय ही जवाब देगा।'

करुणानिधि ने काफी पहले ही अपने बेटे एमके स्टालिन को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर उन्हें डीएमके का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया था। वहीं संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री बने रहने के बाद 2014 में अलागिरी को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन, अब अलागिरी के बगावती तेवर के बाद स्टालिन के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। बर्खास्त होने से पहले दोनों भाइयों के बीच उत्तराधिकार को लेकर संघर्ष चरम पर रहा।

करुणानिधि का 7 अगस्त को निधन हो गया था। तमिलनाडु की राजनीति के सबसे करिश्माई नेताओं में गिने जाने वाले करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियां और छह बच्चे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। उनकी बेटी कनीमोरी राज्यसभा की सदस्य हैं।

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