रामनवमी और सप्ताहांत की छुट्टियों के बाद सभी स्कूल और कार्यालय कल खुलने हैं। ऐसे में इसे लागू करने की असल परीक्षा सोमवार की सुबह शुरू होगी। पहले चरण में सरकार ने लोगों में इसे लेकर जागरूकता फैलाने और स्वेच्छा से इसका पालन करने का विकल्प लोगों को दिया था, लेकिन उसके विपरीत दूसरे चरण में इसको लेकर सख्ती बरती जा रही है। दूसरे चरण के पहले दो दिन 15-16 अप्रैल को 2,300 से ज्यादा चालान काटे गए जबकि 1-15 जनवरी के बीच पहले चरण में दो दिन में 478 चालान काटे गए थे।
एप्प आधारित कैब ऑपरेटरों के खिलाफ ऑटो टैक्सी संघ की ओर से कल हड़ताल का आयोजन किया गया है। ऐसे में सम-विषम लागू होने से यात्रियों की परेशानियां और बढ़ने वाली हैं। दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि कल के प्रस्तावित हड़ताल के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो यह सुनिश्चित करने का निर्देश वह पुलिस को दें। राय ने पुलिस और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी भेंट की और हड़ताल के कारण उपजी समस्या से निपटने के संबंध में उनसे चर्चा की। उन्होंने छूट प्राप्त वाहनों के अलावा सड़कों पर सिर्फ सम संख्या वाले वाहनों का होना सुनिश्चित करने को कहा।
इस 15 दिन के दूसरे चरण में निजी पंजीकृत कारों में से सम तिथि पर सम और विषम तिथि पर विषम नंबरों वाले वाहन चल सकते हैं। इससे वीआईपी, महिलाओं, स्कूली बच्चों, मेडिकल आपातस्थिति, व्यावसायिक वाहनों और सीएनजी कारों को छूट मिली हुई है। रविवार को छोड़ कर अन्य दिनों में सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक लागू इस नियम का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को 2,000 रूपए का चालान भरना पड़ेगा। 15-30 अप्रैल तक लागू दूसरे चरण में स्कूली बच्चों को छोड़ने जाने वाले वाहनों को भी छूट दी गई है। हालांकि सरकार अभी तक स्कूली बच्चों को छोड़कर लौटने वाले और उन्हें लेने जाने वाले वाहनों को लेकर होने वाली समस्या का कोई समाधान नहीं खोज सकी है।