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इंदौर: खुले में शौच के खिलाफ डिब्बा गैंग की अनूठी पहल

केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चुने गए देश के पहले 20 शहरों में शामिल इंदौर को खुले में शौच के कलंक से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम ने रोको और टोको अभियान शुरू किया है। इस मुहिम के तहत डिब्बा गैंग नाम के विशेष दल बनाए गए हैं, जो खुले में शौच की बुरी प्रवृत्ति को अनूठे ढंग से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
इंदौर: खुले में शौच के खिलाफ डिब्बा गैंग की अनूठी पहल

इंदौर नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि शहर के हर वार्ड की झुग्गी बस्तियों, रेलवे लाइन के पास के क्षेत्रों और अन्य इलाकों में ऐसे स्थानों की पहचान की गई है, जहां लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं। इन स्थानों पर डिब्बा गैंग के सदस्य हर सुबह 05:30 बजे से 08:30 बजे तक तैनात रहते हैं। वे खुले में शौच के लिए जाने वाले लोगों के सामने जोर से डिब्बा बजाते हैं, ताकि सार्वजनिक तौर पर शर्मिन्दा होने का अहसास उन्हें यह बुरी प्रवृत्ति छोड़ने पर मजबूर कर दे। अधिकारी ने बताया कि डिब्बा गैंग में महिलाओं, क्षेत्रीय रहवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया गया है। ये लोग खुले में शौच के लिए जाने वाले बाशिंदों के सामने डिब्बा बजाने के साथ उन्हें यह बात भी समझाते हैं कि उनकी इस बुरी आदत के कारण मानवीय स्वास्थ्य और पर्यावरण को किस तरह नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि शहर के जिन स्थानों पर लोग खुले में शौच के लिए जाते हैं, वहां नए सार्वजनिक शौचालय भी बनवाए जा रहे हैं।

बहरहाल, यह जानना दिलचस्प है कि खुले में शौच से पूर्ण मुक्ति के मामले में इंदौर जिले के ग्रामीण क्षेत्र इंदौर के शहरी इलाकों को 10 महीने पहले ही पछाड़ चुके हैं। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के बाद इंदौर ने 25 जनवरी को देश का ऐसा दूसरा जिला बनने का गौरव हासिल किया था, जिसके ग्रामीण इलाके खुले में शौच की बुरी प्रवृत्ति से पूरी तरह मुक्त हो चुके हैं। तब खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर जिले की 312 ग्राम पंचायतों के 610 गांवों को खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त घोषित किया था।

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