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कोविड संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में अनोखी पहल, लाहौल स्पीति पाठशाला पहुंचा छात्र के घर

देश में कोरोना महामारी ‘‘कोविड 19 और लाॅकडाउन के चलते सभी शिक्षक्षण संस्थान बन्द चल रहे...
कोविड संकट के बीच हिमाचल प्रदेश में अनोखी पहल, लाहौल स्पीति पाठशाला पहुंचा छात्र के घर

देश में कोरोना महामारी ‘‘कोविड 19 और लाॅकडाउन के चलते सभी शिक्षक्षण संस्थान बन्द चल रहे हैं।  स्कूल कॉलेजेस कब खुलेंगे कुश मालूम नहीं। इसीबीच हिमाचल प्रदेश सरकार के कबायली जिले लाहौल स्पीति में कुछ अलग प्रयास हो रह। यह प्रयास आधुनिक भारत और संचार क्रांति के युग में कुछ अलग ही नहीं वल्कि शिक्षा प्रणाली को सुदृढ भी बना रह है ।

चूंकि पाठशाला अभी भी बंद हैं और इंटरनेट की सुविधा दूर दराज के बच्चों को उपलब्ध नहीं है इसलिए अब पाठशाला ही छात्रों के घर में पहुंच रही है। इस पहल का नाम है -- घर घर पाठशाला ,जिसके तहत ऑन लाईन पाठ्यक्रम सामग्री बच्चों को उनके घर में ही उपलब्ध करवाई जा रही  है। 

अतिरिक्त ज़िला दण्ड़ाधिकारी ज्ञान सागर नेगी के अनुसार स्पीति शिक्षा खण्ड़ में हाल  ही में दूरदर्षन, व रेडियो के माध्यम् से भी पाठ्यक्रम को लागू किया गया । लेकिन लाहौल स्पिति के स्पिति उपमण्ड़ल के विषम परिस्थितियों एवं इन्टरनेट सेवा के अभाव में कठिनाई पैदा हो गई । बच्चों को इसके लाभ से बंचित होना पड़ा।  बच्चों की शिक्षा में किसी तरह का नुकशान न हो इस लिए एक नयी शरुआत की गयी। 

"आफ लाईन हर घर पाठशाला 2020 के तहत् शिक्षण कार्यक्रम चला रहें है, जिसमें स्पिति उपमण्डल के 27 रिसोर्स पर्सनस एवं 7 कर्लकों को ‘‘आफ लाईन अध्ययन सामग्री तैयार करने के लिये राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में प्रतिनियुक्त किया गया है ।साथ ही सभी पाठशाला (प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, वरिष्ठ माध्यमिक) प्रभारियों को अध्ययन सामग्री को घर-घर पहुंचाने एवं निरीक्षण का दायित्व दिया गया है" 

समस्त प्रतिनियुक्त शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी लाॅक डाउन के समस्त नियमों का पालन कर रहें है व सामाजिक दूरी और मास्क का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। 

राजकीय वरिश्ठ माध्यमिक पाठषाला काजा की प्रर्धानाचार्या कुमारी देकित डोलकर, जो  नोडल अधिकारी भी हैं  का कहना है  ‘‘हर घर पाठषाला कार्यक्रम 2020’’ के अनुसार शिक्षण कार्यक्रम के तहत् पहली से पांचवी कक्षा के कुल 527 छात्र एवं छात्रायें तथा छठी से बारहवीं कक्षा के कुल 490 छात्र एवं छात्रायें लभान्वित हो रहें है।  छात्र-छात्राओं के अभिभावक भी इस कार्यक्रम से काफी उत्साहित है क्योंकि उनके बच्चे इन्टरनेट सुविधाओं के अभाव में भी घर बैठकर सूचारू रूप से पढ़ाई कर पा रहे हैं"

अध्ययन् सामग्री का वितरण नोड़ल अधिकारी की निगरानी में प्रत्येक शनिवार को किया जाता है। इसी कडी में अपने विधान सभा क्षेत्र के दौरे में स्पिति आये   जनजातीय विकास व सूचना एवं प्रोद्योगिकी मन्त्री डा0 राम लाल मारकण्डा, इस अनूठे प्रयास की प्रषंसा की व इस कार्यक्रम को सफल बनाने का श्रेय यहां प्रतिनियुक्त रिसोर्स परर्सनस व समस्त कर्मचारियों को दिया।

उन्होंने सलाह दी की  जब तक लॉक डाउन है स्पीति में इसी तरह बच्चों को घर घर पढ़ाया जा रहा है। बच्चों के अभिभवकों को इस बात के लिए भी मन लिया गया है की दिन में कक्षों के समय बच्चों को खेतों में काम ले लिए नहीं भेजें /स्पीति साल में सात माह तक बर्फ के नीचे दबा रहता है और किसान को केएम के लिए केवल आधा साल ही मिलता है।

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