उन्नाव गैंगरेप मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस इसकी सुनवाई करेंगे। इसे लेकर कोर्ट ने यूपी सरकार को पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।
Unnao rape case: Allahabad High Court takes suo-moto cognizance of the matter, to be heard on 12 April. Court also appointed an amicus curiae in the case.
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
इधर इस केस की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम और एडीजी लखनऊ जोन पीड़िता के गांव पहुंच गए हैं। पीड़िता और उसके परिवार से पूछताछ की जा रही है।
#Unnao: Special Investigation Team (SIT), headed by ADG Lucknow zone Rajeev Krishna, arrived at the residence of Unnao rape victim. pic.twitter.com/t5WsglQMwg
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
पीड़िता ने फिर लगाई न्याय की गुहार
पीड़िता ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। बता दें कि आज शाम तक मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।
पीड़िता ने कहा, “मैं न्याय देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करती हूं। डीएम ने मुझे एक होटल के कमरे तक ही सीमित कर दिया है, वे मुझे पानी भी नहीं दे रहे हैं मैं सिर्फ अपराधी को दंडित करना चाहती हूं।”
I appeal to CM Yogi Adityanath to provide me justice. The DM has confined me to a hotel room, they are not even serving me water. I just want the culprit to be punished: Unnao rape victim pic.twitter.com/swZkXRk7O3
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
'मेरे पति और रेप पीड़िता का नार्को टेस्ट हो'
इधर आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर बुधवार सुबह यूपी के DGP ओपी सिंह से मिलने पहुंची। उन्होंने कहा कि वह अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाने यहां आई है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे राजनैतिक उद्देश्य है मेरे पति और लड़की (बलात्कार पीड़िता) का नार्को टेस्ट कराई जाए। मेरी बेटियों को परेशान कर रहे हैं। हमें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है ।अभी तक कोई सबूत नहीं दिया गया है, फिर भी उनपर बलात्कारी का लेबल लगाया जा रहा है।
Unnao Rape Case: Sangeeta Sengar, wife of accused MLA Kuldeep Sengar, met DGP OP Singh in Lucknow, says, 'I have come to plead for justice for my husband.' pic.twitter.com/wuvBQxGB41
— ANI UP (@ANINewsUP) April 11, 2018
मानवाधिकार आयोग ने लगाई फटकार
मानवाधिकार आयोग ने यूपी के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि संबंधित एजेंसियां यह सुनिश्चित करें कि पीड़ि़त परिवार का अब कोई उत्पीड़न न हो। आयोग ने मुख्य सचिव को मामला व्यक्तिगत तौर पर देखने और मजिस्ट्रेटी जांच की निगरानी करने तथा तेजी लाने को कहा है। आयोग का मानना है कि अगर ये सभी आरोप सही हैं तो यह बहुत की संगीन हैं और पीड़िता के परिजनों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करते हैं। इसके साथ ही आयोग ने डीजीपी को फटकार भी लगाई है कि आखिर 24 घंटे में न्यायिक हिरासत में हुई इस मौत के बारे में आयोग को क्यों सूचित नहीं किया गया। आयोग ने साफ कहा है कि पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो।
क्या है मामला?
बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता ने हाल ही में सीएम योगी के आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया था। पीड़िता ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर बलात्कार को अंजाम देने तथा पिता को मरवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि मुकदमा वापस न लेने पर विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा था। कहा गया कि बावजूद इसके आरोपी विधायक पर केस दर्ज करने के बजाय पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार पर ही केस दर्ज कर लिया और पिता को जख्मी हालत में आठ अप्रैल को जेल भेज दिया। कल इलाज के दौरान ले जाए जाने पर पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। वहीं, मामले में कुलदीप सेंगर के भाई को गिरफ्तार कर लिया गया।