Advertisement

उन्नाव गैंगरेप केस का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, कल होगी सुनवाई

उन्नाव गैंगरेप मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस इसकी...
उन्नाव गैंगरेप केस का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया, कल होगी सुनवाई

उन्नाव गैंगरेप मामले का इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस इसकी सुनवाई करेंगे। इसे लेकर कोर्ट ने यूपी सरकार को पूरी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।


इधर इस केस की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम और एडीजी लखनऊ जोन पीड़िता के गांव पहुंच गए हैं। पीड़िता और उसके परिवार से पूछताछ की जा रही है।


पीड़िता ने फिर लगाई न्याय की गुहार

पीड़िता ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। बता दें कि आज शाम तक मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकती है।

पीड़िता ने कहा, “मैं न्याय देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करती हूं। डीएम ने मुझे एक होटल के कमरे तक ही सीमित कर दिया है, वे मुझे पानी भी नहीं दे रहे हैं मैं सिर्फ अपराधी को दंडित करना चाहती हूं।”

'मेरे पति और रेप पीड़िता का नार्को टेस्ट हो'

इधर आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की पत्नी संगीता सेंगर बुधवार सुबह यूपी के DGP ओपी सिंह से मिलने पहुंची। उन्होंने कहा कि वह अपने पति के लिए न्याय की गुहार लगाने यहां आई है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे राजनैतिक उद्देश्य है मेरे पति और लड़की (बलात्कार पीड़िता) का नार्को टेस्ट कराई जाए। मेरी बेटियों को परेशान कर रहे हैं। हमें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है ।अभी तक कोई सबूत नहीं दिया गया है, फिर भी उनपर बलात्कारी का लेबल लगाया जा रहा है।

मानवाधिकार आयोग ने लगाई फटकार

मानवाधिकार आयोग ने  यूपी के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मामले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। साथ ही निर्देश दिए हैं कि संबंधित एजेंसियां यह सुनिश्चित करें कि पीड़ि़त परिवार का अब कोई उत्पीड़न न हो। आयोग ने मुख्य सचिव को मामला व्यक्तिगत तौर पर देखने और मजिस्ट्रेटी जांच की निगरानी करने तथा तेजी लाने को कहा है। आयोग का मानना है कि अगर ये सभी आरोप सही हैं तो यह बहुत की संगीन हैं और पीड़िता के परिजनों के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन करते हैं। इसके साथ ही आयोग ने डीजीपी को फटकार भी लगाई है कि आखिर 24 घंटे में न्यायिक हिरासत में हुई इस मौत के बारे में आयोग को क्यों सूचित नहीं किया गया। आयोग ने साफ कहा है कि पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई हो।

क्या है मामला?

बता दें कि दुष्कर्म पीड़िता ने हाल ही में सीएम योगी के आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया था। पीड़िता ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों पर बलात्कार को अंजाम देने तथा पिता को मरवाने का आरोप लगाया है। आरोप है कि मुकदमा वापस न लेने पर विधायक के भाई ने पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा था। कहा गया कि बावजूद इसके आरोपी विधायक पर केस दर्ज करने के बजाय पुलिस ने पीड़िता और उसके परिवार पर ही केस दर्ज कर लिया और पिता को जख्मी हालत में आठ अप्रैल को जेल भेज दिया। कल इलाज के दौरान ले जाए जाने पर पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। वहीं, मामले में कुलदीप सेंगर के भाई को गिरफ्तार कर लिया गया।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad