अयोध्या के धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद की डिजाइन की लॉन्चिंग शनिवार को इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने वर्चुअल मीटिंग में की। पांच एकड़ की जमीन पर मस्जिद और अस्पताल की दो इमारतें बनेंगी। दिलचस्प है कि मस्जिद के अंडाकार डिजाइन में कोई गुम्बद नहीं हैं। वहीं, इसका नाम किसी बादशाह के नाम पर नहीं रखा जाएगा। कैंपस में म्यूजियम, लाइब्रेरी और एक कम्युनिटी किचन भी बनेगा। 200 से 300 बेड का एक अस्पताल भी यहां होगा।
धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद की डिजाइन को लेकर शनिवार को हुई बैठक में फाउंडेशन के सभी सदस्यों के साथ आर्किटेक्ट भी शामिल हुए थे। जो लोग बैठक में शामिल नहीं हो सके उन्हें वर्चुअल तरीके से जोड़ा गया। बैठक में मस्जिद निर्माण, अस्पताल, रिसर्च सेंटर, कम्युनिटी किचन और म्यूजियम आदि की डिजाइन पर भी मुहर लगी।
सूत्रों के मुताबिक, समय पर नक्शा पास हो जाता है, तो 26 जनवरी से मस्जिद का निर्माण शुरू होगा। अगर प्रोसेस में देरी हुई तो 15 अगस्त को निर्माण की शुरुआत होगी। पूरा प्रोजेक्ट दो साल में तैयार होने की उम्मीद है। इसके लिए बजट की कोई तय सीमा नहीं है।
फाउंडेशन के प्रवक्ता अतहर हुसैन के मुताबिक 5 एकड़ जमीन के केंद्र में 300 बिस्तरों वाला मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल होगा। इसके अलावा जो मस्जिद बनाई जा रही है, उसमें एक साथ दो हजार लोग नमाज अदा कर सकते है। अस्पताल पर करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है। अस्पताल24 हजार 150 स्क्वायर मीटर में बनाया जाएगा। मस्जिद का नाम किसी बादशाह या राजा के नाम पर नहीं रखा जाएगा।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के वास्तु विभाग के डीन और मस्जिद की डिजाइन तैयार करने वाले एमएस अख्तर ने कहा, कि मस्जिद 3500 स्क्वायर मीटर में बनेगी। यहां एक साथ 2 हजार लोग नमाज पढ़ सकेंगे। मस्जिद को दो फ्लोर का बनाया जाएगा। इसमें महिलाओं के लिए अलग स्पेस होगा। इमारत ईको-फ्रेंडली होगी और इसमें सोलर एनर्जी का इस्तेमाल होगा। ।