लखनऊ। चुनौतियों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूती की ओर अग्रसर है। प्रदेश का बढ़ता निर्यात इस बात का सबूत है। वित्तीय वर्ष 2021-2022 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश देश का पांचवा सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है। निर्यात के मामले में अब उत्तर प्रदेश से आगे सिर्फ गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक ही हैं। इस समयावधि में वैश्विक महामारी कोरोना के बावजूद निर्यात में 30 फीसद की वृद्धि हुई। 2020-2021 की तुलना में 2021-2022 में यह 121140 करोड़ रुपये से बढ़कर 155897 करोड़ रुपये हो गया।मालूम हो कि 2017 में पहली बार जब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को आबादी के लिहाज से सबसे बड़े (25 करोड़ से अधिक) और राजनीतिक रूप से सबसे संवेदनशील प्रदेश की कमान सौंपी तब सपा एवं बसपा के कुशासन एवं भ्रष्टाचार से हालात बहुत बुरे थे।
उस समय योगी ने प्रदेश के लिए आर्थिक मोर्चे पर बेहद चुनौती पूर्ण लक्ष्य रखा। मसलन प्रदेश की अर्थव्यवस्था को देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना, अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर की बनाना। बेरोजगारी दर कम करना और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि।
लक्ष्य रखने के साथ मुख्यमंत्री योगी ने इस बाबत ठोस बुनियाद भी मुहैया कराई। मसलन इसके लिए सरकार 2017 में औद्योगिक निवेश एवं प्रोत्साहन नीति लाई। निवेश मित्र पोर्टल के जरिए लगभग 350 सेवाओं को ऑनलाइन किया। नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की व्यवस्था को भी ऑन लाइन किया। बड़े निवेशकों के लिए अलग से व्यवस्था की गई। इस सबके साथ प्रदेश की छवि बदलने के लिए कानून-व्यवस्था और विश्व स्तरीय बुनियादी सुविधाओं पर भी बराबर का जोर रहा।
इस सबका नतीजा यह रहा कि इन्वेस्टर समिट में देश के लगभग सभी दिग्गज निवेशक आये और प्रदेश में खुले दिल से निवेश किया। इसके बाद से अब तक हुई तीन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में कुल 2,08,994 करोड़ रुपये का निवेश प्रदेश में आया। पहली ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के दौरान राज्य में कुल 61,792 करोड़ का निवेश आया तो वहीं दूसरी ग्राउंड ब्रेंकिग सेरेमनी में निवेश बढ़कर 67,202 करोड़ पहुंच गया। देश-विदेश के शीर्ष उद्योगपतियों, केंद्रीय, राज्य सरकार के मंत्रियों की उपस्थिति में संपन्न तीसरी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 80,224 करोड़ की 1406 औद्योगिक परियोजनाओं का शिलान्यास व भूमिपूजन किया गया।
मुख्यमंत्री का हर दम से यह मानना रहा है कि उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा है। इस अनुकंपा के आधार पर उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित कर सकता है। आबादी हमारे लिए मानव संसाधन के साथ देश का सबसे बड़ा बाजार भी है। 9 तरह की कृषि जलवायु क्षेत्र, इंडो गंगेटिक बेल्ट के रूप में दुनिया की सबसे उर्वर भूमि, सम्पन्न ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यत्मिक विरासत उत्तर प्रदेश के लिए बोनस है। इन सारी संभावनाओं का अगर कायदे से दोहन करें तो हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश नंबर एक बनेगा। बन भी रहा है। आज करीब 4 दर्जन क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें उत्तर प्रदेश नंबर एक पर है। आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के मामले में भी यूपी नंबर एक बनेगा।