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जहरीली शराब मामले को लेकर अखिलेश ने उठाए सवाल, मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख देने की मांग

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहरीली शराब कांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना...
जहरीली शराब मामले को लेकर अखिलेश ने उठाए सवाल, मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख देने की मांग

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहरीली शराब कांड को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने यूपी सरकार से मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख की मदद देने की मांग की है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि चुनाव खत्म होते ही प्रदेश अराजकता की भेंट चढ़ गया है। जहरीली शराब से मौत का सिलसिला जारी है। एक बार फिर लगभग डेढ दर्जन मौतें तो सिर्फ बाराबंकी में जहरीली शराब से हो गयी। एक दर्जन लोग अस्पताल में जिन्दगी-मौत से जूझ रहे हैं। यह नकली शराब सरकारी ठेके से ही बेची गई। आबकारी और पुलिस विभाग की नाक के नीचे मौत का व्यापार चलता रहा। भाजपा सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में नकली शराब से ही सैकड़ों मौतें होना संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। यह शर्मनाक है कि बजाय मृतकों के प्रति संवेदना के भाजपा को इसमें भी राजनीति दिखने लगी है। भाजपा सरकार को मृतकों के परिजनों को 20-20 लाख की मदद देनी चाहिए।

कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

सपा अध्यक्ष ने बाराबंकी मामले के अलावा प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवालिया निशान लगाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन की निष्क्रियता और भाजपा नेतृत्व में इच्छाशक्ति की कमी के कारण बढ़ते अपराधों से राज्य सरकार के प्रति जनता में असंतोष बढ़ता ही जा रहा है। जनता भाजपा से भयभीत और सहमी हुई है। सरकारों की जिम्मेदारी जनता के जान-माल की सुरक्षा की गारन्टी होती है। पर भाजपा सरकार इससे बेखबर है। यह लोकतंत्र में खतरनाक स्थिति है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुशासन का ढोंग करने वालों का सच सामने आता जा रहा है। कानून व्यवस्था के हालात बद से बदतर हैं। मुख्यमंत्री के दावे के विपरीत न तो अपराधी प्रदेश छोड़कर बाहर जा रहे हैं और न ही वे जेल में कड़ी निगरानी में रह रहे हैं। जेल में भी माफियाओं के दरबार लग रहे हैं। जेलों के अन्दर बंदियों की हत्या, उन पर हमले और माफिया किस्म के अपराधियों द्वारा वहां से भी वसूली और हत्या की वारदातों का संचालन होने के समाचार हैं।

मुख्यमंत्री के बड़बोलेपन से अपराधियों में कतई खौफ नहीं

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब हत्या, लूट, अपहरण और दुष्कर्म की घटनाएं न घटती हों। ऐसा लगता है प्रदेश में कानून का राज समाप्त है। मुख्यमंत्री के बड़बोलेपन से अपराधियों में कतई खौफ नहीं है। बल्कि सही स्थिति तो यह है कि पुलिस को ही अपराधियों का ज्यादा खौफ रहता है। कई जगहों पर दबंगों, अपराधियों ने पुलिस पर ही हमला कर दिया। पुलिस ने एनकाउण्टरों के नाम पर जो फर्जी कार्रवाइयां की उनकी कलई जांच पड़ताल में खुल गई।

इन घटनाओं से दहला प्रदेश

कल ही ग्रेटर नोएडा में एनटीपीसी-दादरी रोड पर सपा नेता और सांसद सुरेन्द्र नागर की कम्पनी के 65 लाख लूट लिए गए। नजीबाबाद में बसपा नेता एहसान अहमद की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। बुलंदशहर में पांच लाख की फिरौती के लिए तीन मासूम बच्चों की हत्या कर दी गई। राजधानी लखनऊ में ही सर्राफा व्यापारियों से लूट और उनकी हत्या की कई घटनाओं का खुलासा भी नहीं हो सका।

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