उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये बिजली का बिल बकाया है। अब इसे कम करने के लिए ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने तय किया है कि अब नेताओं और सरकारी अधिकारियों के आवास पर प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा। एक लाख प्रीपेड मीटर के ऑर्डर दे दिए गए हैं। जैसे-जैसे ये मीटर आते जाएंगे, सरकारी आवासों में लगते जाएंगे।
उत्तर प्रदेश में सरकारी विभागों और आधिकारिक आवासों पर करीब 13,000 करोड़ रुपये बिजली का बिल बकाया है। इसकी वसूली के लिए राज्य सरकार ने किस्तों में भुगतान का विकल्प दिया है। सरकार ने कुछ समय पहले बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासों पर भी मीटर लगाने के निर्देश दिए थे। सरकार के इस फैसले का अधिकारियों और कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया था। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ‘आउटलुक’ को बताया कि राज्य में नेता और सरकारी अधिकारियों का रिकॉर्ड भी बिजली बिल भरने में बेहतर नहीं है। इसे ध्यान में रखते हुए नेताओं और अधिकारियों के सरकारी आवास पर प्रीपेड मीटर लगाने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी प्रतिष्ठित व्यक्तियों से भी अपने यहां प्रीपेड मीटर लगाने की अपील की जाएगी।
घाटे की भरपाई के लिए बढ़ाई थीं बिजली दरें
सरकार ने बिजली विभाग के घाटे की भरपाई के लिए पिछले माह ही सूबे में बिजली की दरों में इजाफा किया था। हालांकि इसका विपक्ष ने काफी विरोध किया था, लेकिन बढ़ाई गईं दरें वापस नहीं ली गईं।
खुल रहे हैं विशेष थाने
प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं। इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है। अब तक 68 थाने खुल चुके हैं। इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन खुद उठाएगा। इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं। इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली रोकना है।