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उत्तरकाशी सुरंग हादसा: जायज़ा लेने ग्राउंड जीरो पहुंचे सीएम धामी, अधिकारियों ने दिया अपडेट

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने के बाद फंसे लगभग 40 श्रमिकों को...
उत्तरकाशी सुरंग हादसा: जायज़ा लेने ग्राउंड जीरो पहुंचे सीएम धामी, अधिकारियों ने दिया अपडेट

ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने के बाद फंसे लगभग 40 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के प्रयास जारी हैं। उनसे संपर्क स्थापित कर भोजन पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जा रही है। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी दुर्घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। अधिकारियों ने फिर पुष्टि की कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घटना की जगह पर पहुंचे। उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 40 लोगों को बचाने के अभियान के बारे में उन्हें अधिकारियों द्वारा पूरी जानकारी दी गई।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि सिलक्यारा-डंडालगांव सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालना राज्य सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से बचाव एवं राहत कार्यों की लगातार निगरानी करने तथा किसी भी प्रकार की कोताही न करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने बाद में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सुरंग में मलबा हटाने का काम रात भर चला और इसे तेजी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालना हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है।’’ उन्होंने कहा कि सुरंग में फंसे लोग पूरी तरह ठीक हैं और उनसे बात भी हो रही है।

धामी ने प्रभावितों के परिजनों को आश्वस्त किया कि सुरंग में फंसे लोगों को सकुशल बाहर निकालने के लिए राज्य और केंद्र दोनों सरकारें गंभीर हैं। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि सुरंग में चल रहा बचाव कार्य जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा और वहां फंसे सभी 40 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, अन्य एजेंसियां और विशेषज्ञ फंसे हुए 40 लोगों को बचाने के लिए काम कर रहे हैं। हम फंसे हुए लोगों के परिवारों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि राज्य सरकार और प्रशासन उन्हें बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।"

एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड) के निदेशक, अंशू मनीष खलको ने बताया, "स्थिति अब बेहतर है। श्रमिक सुरक्षित हैं। हम भोजन और पानी उपलब्ध करा रहे हैं। अंदर 40 लोग हैं। हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें जल्द से जल्द निकाला जा सके।"

उत्तरकाशी सुरंग हादसे पर उत्तरकाशी के डीएम अभिषेक रोहिला ने कहा, ''हमें यहां एक दुर्घटना के बारे में जानकारी मिली। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य और एसडीआरएफ और एनडीआरएफ जैसी प्रतिक्रिया बलों की टीमें यहां पहुंचीं और बचाव अभियान शुरू किया। हम अंदर फंसे लोगों को जल्द से जल्द बचाने की कोशिश कर रहे हैं।"

इससे पहले, ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग ढहने के बाद फंसे लगभग 40 श्रमिकों को बचाने के लिए रात भर काम करने वाले बचावकर्मियों ने उनसे संपर्क स्थापित किया है और उन्हें भोजन और पानी उपलब्ध कराया है। बचावकर्मियों का कहना है कि अभी भी लगभग 35 मीटर अधिक मलबा साफ करना होगा। 

सिल्क्यारा पुलिस नियंत्रण कक्ष ने कहा कि श्रमिक सुरक्षित हैं और उन्होंने भोजन मांगा है, जो उन्हें भेजा जा रहा है, उन्होंने कहा कि वॉकी-टॉकी पर संचार स्थापित किया गया है। इसमें कहा गया है कि कंप्रेसर की मदद से खाद्य पैकेटों की आपूर्ति की गई है।

कर्मवीर सिंह भंडारी- सहायक कमांडर एनडीआरएफ ने एएनआई को बताया, "हम फंसे हुए श्रमिकों को कुछ चिप्स और पानी देने में कामयाब रहे हैं। हम पुष्टि कर सकते हैं कि श्रमिक सुरक्षित स्थिति में हैं। बचाव अभियान जारी है, हमें उम्मीद है कि आज शाम तक हम मलबे को तोड़ देंगे और घटनास्थल तक पहुंच जाएंगे। उस हिस्से में प्लास्टर का काम पूरा नहीं हुआ था, यही कारण है कि सुरंग ढह गई।" 

उत्तरकाशी के सर्कल अधिकारी प्रशांत कुमार ने एएनआई को बताया, "मलबा लगभग 60 मीटर गहरा है। जैसे ही हम मलबा हटा रहे हैं, यह ऊपर से गिर रहा है। वर्तमान स्थिति यह है कि कल हमने सुरंग के अंदर फंसे लोगों के साथ संचार स्थापित किया था। हमने सुरंग के अंदर लगभग 15 मीटर तक चले गए हैं, और लगभग 35 मीटर की दूरी तय करना बाकी है। हर कोई सुरक्षित है, हमने उन्हें ऑक्सीजन और पानी उपलब्ध कराया है। हम सुरंग के अंदर जाने के लिए बग़ल में अपना रास्ता बना रहे हैं। संचार स्थापित करने के बाद, लगभग 40 लोग अंदर फंसे हुए हैं।”

जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, फंसे हुए मजदूरों के लिए भागने का रास्ता तैयार करने के लिए सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग के अंदर मलबे के माध्यम से ड्रेजिंग और ड्रिलिंग चल रही है।

गौरतलब है कि रविवार सुबह सुरंग का एक हिस्सा ढह गया, जिससे करीब 40 मजदूर अंदर फंस गए। सुरंग चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है। जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) जैसी एजेंसियों के लगभग 160 कर्मी फंसे हुए मजदूरों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

रविवार को अधिकारी फंसे हुए मजदूरों की सुरक्षा को लेकर आशावादी थे क्योंकि पानी की पाइपलाइन के माध्यम से उन्हें पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई थी।वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर किए जा रहे बचाव प्रयासों की जानकारी ली।

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था कि वह सुरंग में चल रहे राहत और बचाव अभियान के बारे में जानकारी देने वाले अधिकारियों के संपर्क में हैं। सुरंग ढहने की सूचना जिला नियंत्रण कक्ष उत्तरकाशी को मिली और कॉलर ने घटनास्थल पर एसडीआरएफ टीम की सहायता का अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसडीआरएफ के कमांडर मणिकांत मिश्रा ने तुरंत इंस्पेक्टर जगदंबा विजल्वान के नेतृत्व में एक बचाव दल को आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ घटनास्थल के लिए रवाना होने का निर्देश दिया। अधिकारी ने कहा, "मौके पर पहुंचने के बाद, एसडीआरएफ ने अन्य बचाव इकाइयों के साथ समन्वय में युद्ध स्तर पर राहत और बचाव अभियान शुरू किया।"

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