बनारस हिंदू विश्वविद्यालय मामले की जांच पूरी हो चुकी है। कमिश्नर ने जांच रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वाराणसी कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने अपनी रिपोर्ट में बवाल बढ़ने के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।
नितिन गोकर्ण ने मुख्य सचिव राजीव कुमार को दी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि बीएचयू के प्रशासन ने पीड़ित की शिकायत पर सही तरीके से कार्रवाई नहीं की और ना ही स्थिति को सही तरीके से नियंत्रित किया गया।
Varanasi Commissioner in report to Chief Secy says #BHU did not deal with victim complaint in sensitive manner,nor handled situation on time
— ANI UP (@ANINewsUP) 26 September 2017
जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बीएचयू में हिंसा मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
Judicial inquiry has been ordered into the incident: Uttar Pradesh minister Shrikant Sharma on #BHUClash
— ANI UP (@ANINewsUP) 26 September 2017
चौतरफा विरोध
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय कैम्पस में 'छेड़खानी' के खिलाफ सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज के बाद मामला और गरम हो गया। एक ओर जहां विद्यार्थियों का रोष कम होने का नाम नहीं ले रहा, वहीं कांग्रेस, लेफ्ट सहित विभिन्न छात्र संगठनों ने भी दिल्ली में भी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया।
पीएम ने आवश्यक कदम उठाने को कहा
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की है और जरूरी कदम उठाने को कहा।
हिरासत में पुनिया-बब्बर
एनडीटीवी के मुताबिक इस बीच छात्राओं के प्रति समर्थन जताने वाराणसी पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर और वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया को पुलिस ने शहर में प्रवेश करते ही हिरासत में ले लिया।
1000 विद्यार्थियों पर केस
वाराणसी पुलिस ने बीएचयू कैम्पस में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोपों के अंतर्गत 1000 अज्ञात छात्र-छात्राओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अधिकारियों पर गिरी गाज
यूनिवर्सिटी कैंपस में लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए बीएचयू के पास इलाके लंका के एसओ को लाइन हाजिर किया गया है। उनकी जगह जैतपुरा के थानाध्यक्ष संजीव मिश्रा लंका क्षेत्र के नए थानाध्यक्ष बनाए गए हैं। भेलूपुर के सर्किल ऑफिसर निवेश कटियार को भी हटा दिया गया है। वहीं वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है।
विपक्ष का कटाक्ष
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस मसले पर रविवार को कटाक्ष करते हुए एक वीडियो शेयर किया और लिखा, “बीएचयू में भाजपा का बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संस्करण।” वहीं कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया है कि क्या ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ केवल एक नारा है?’
आम आदमी पार्टी के नेता और कवि कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, “ये रात बहुत भारी पड़ेगी सत्ता के अहंकार को,नवरात्र में दुर्गा की प्रतिरूप बेटियों पर सरकारी लाठियां? सांसद महोदय अपनी वापसी की घंटियां सुनो।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लिखा है, “बल से नहीं बातचीत से हल निकाले सरकार।बीएचयू में छात्रों पर लाठीचार्ज निंदनीय। दोषियों पर हो करवाई।”
सीएम ने दिए जांच के आदेश, वीसी ने दी सफाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी के कमिश्नर से बीएचयू के पूरी घटना की रिपोर्ट मांगी है। वहीं विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने इस पूरे मामले को सियासत से प्रेरित करार दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे की वजह से यह विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस घटना में बाहरी लोग शामिल हैं। उन्होंने छात्राओं की मांग पर कहा कि वे सुरक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए जरूरी कदम उठा रहे हैं।
आधीरात को लाठीचार्ज
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक,शनिवार की देर रात वाइस चांसलर के आवास के बाहर पुलिस और पीएसी ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान एक छात्रा और 3 छात्र घायल हुए हैं। घायलों को को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि दो दिनों से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर दे रहीं छात्राओं पर तब यह लाठीचार्ज हुआ जब लगभग रात 11 बजे प्रदर्शनकारी छात्र-छात्राएं वीसी से मिलने उनके आवास पर जा रहे थे। इस बवाल के बाद 2 अक्टूबर तक यूनिवर्सिटी बंद कर दी गई है।
वीसी ने की बैठक
लाठीचार्ज के बाद पूरे कैम्पस में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। वहीं रात को कुलपति गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ रविवार सुबह 3:30 बजे बैठक की है इस दौरान कमिश्नर और डीएम भी मौजूद रहे। न्यूज18 के मुताबिक इस मामले में विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर ओएन सिंह ने कहा कि छात्राओं को समझाने की कोशिश की जा रही है।
क्यों हो रहा प्रदर्शन
गुरुवार रात बीएचयू परिसर में स्थित भारत कला भवन के पास आर्ट्स फैकल्टी की छात्रा के साथ यूनिवर्सिटी के ही तीन छात्रों ने छेड़खानी की। कहा जा रहा है कि छात्रा ने शोर मचाया लेकिन घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर मौजूद सुरक्षा कर्मी भी उसकी सहायता के लिए नहीं आए। छात्रा ने इस घटना की शिकायत हॉस्टल की वॉर्डन और चीफ प्रॉक्टर से भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद शुक्रवार को छात्राएं धरने पर बैठ गईं। छात्राओं में जहां छेड़खानी को लेकर आक्रोश है वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन के गैर-जिम्मेदाराना रवैय्ये के खिलाफ भी उनका गुस्सा फूट पड़ा है। हॉस्टल में समय सीमा की पाबंदी, रोक-टोक, सुरक्षा व्यवस्था, विश्वविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के खिलाफ उनका यह प्रदर्शन चल रहा है।
शांत रहो पीएम आने वाले हैं
छात्राओं का आरोप है कि वे शिकायत करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के पास गए तो उनसे कहा गया कि 'पीएम आने वाले हैं अभी आप लोग शांत रहें। छात्राओं में इसे लेकर इतना आक्रोश है कि बीएफए की छात्रा आकांक्षा सिंह ने अपने बाल मुड़वा लिए। छात्राओं के मुताबिक आए दिन उनके साथ छेड़खानी की घटनाएं होती रहती है और शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती।