Advertisement

मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहा जनजीवन, कड़ी सुरक्षा के बीच स्कूल दोबारा खुले

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के...
मुर्शिदाबाद में हिंसा के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो रहा जनजीवन, कड़ी सुरक्षा के बीच स्कूल दोबारा खुले

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद अब जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होता दिखाई दे रहा है। हालांकि इलाके में अब भी सुरक्षा के सख्त इंतज़ाम कायम हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) की मौजूदगी और प्रशासन की सतर्क निगरानी के बीच क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।

करीब एक सप्ताह तक बंद रहने के बाद सोमवार से जिले के स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है। हिंसा के दौरान कई इलाकों में स्कूलों को बंद करना पड़ा था। स्थानीय निवासियों का कहना है कि उन्होंने पहले कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया था और अब वे शांति एवं सामान्य जीवन की वापसी की उम्मीद कर रहे हैं।

इस बीच ओडिशा पुलिस ने मुर्शिदाबाद हिंसा से जुड़े छह आरोपियों को झारसुगुड़ा जिले से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, ये आरोपी शमशेरगंज थाना क्षेत्र के जाफराबाद और बेटबोना गांवों में हुई आगजनी और दंगे की घटनाओं में शामिल थे और गिरफ्तारी से बचने के लिए ओडिशा में शरण ले रहे थे।

भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे “पूर्व नियोजित सांप्रदायिक हिंसा” करार दिया और आरोप लगाया कि यह सब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और स्थानीय नेताओं के संरक्षण में हुआ। उन्होंने इस मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की है।

हिंसा की भयावहता को देखते हुए कई लोगों को अपना घर छोड़कर पलायन करना पड़ा। कुछ पीड़ितों ने झारखंड के पाकुड़ जिले में शरण ली है, जबकि अन्य लोग मालदा जिले में स्थापित राहत शिविरों में रह रहे हैं।

गौरतलब है कि 11 अप्रैल को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई थी, कई लोग घायल हुए थे और निजी व सार्वजनिक संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा था। देखते-देखते यह विरोध मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जैसे जिलों में भी फैल गया, जहां आगजनी, पथराव और सड़कों पर अवरोध जैसी घटनाएं सामने आईं।

हाल ही में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद द्वारा पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2025 को मंज़ूरी प्रदान की है, जिसके साथ ही ये विधेयक अब कानून का रूप ले चुके हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad