उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पत्थरबाजी की घटना में मारे गए मारे गए कांस्टेबल के बेटे ने सूबे की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठाए हैं। मृतक कांस्टेबल सुरेश वत्स के बेटे वीपी सिंह ने कहा कि पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही है। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं? अब हम मुआवजे के साथ क्या करेंगे?
डीएम के बालाजी ने बताया कि आठ लोगों को हिरासत में लिया गया है। अन्य को चिह्नित किया जा रहा है। गिरफ्तारी के लिए टीम बना दी गई है। सीएम योगी ने मामले को संज्ञान में लिया है। सीएम ने पुलिसकर्मी के परिजनों को 40 लाख रुपए देने की घोषणा की है।
एडीजी वाराणसी जोन पीवी रामा शास्त्री ने कहा कि गाजीपुर में हुए पथराव व पुलिस कांस्टेबल की मौत मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीएमओ के अनुसार, 'कांस्टेबल की मौत का कारण सिर में लगी चोट है। हम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'
अखिलेश का वार, 'सीएम की एक ही भाषा रहती है- ठोंक दो'
इस मामले पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'ये घटना इसलिए घटी है क्योंकि मुख्यमंत्री सदन में हों या मंच पर, उनकी एक ही भाषा रहती है- ठोंक दो। कभी पुलिस को नहीं समझ में आता किसे ‘ठोंकना’ है, कभी जनता को नहीं समझ आता किसे ‘ठोंकना’ है।'
क्या है मामला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से लौट रहे पुलिसकर्मियों पर गाजीपुर के ननोहारा में कुछ लोगों ने पथराव किया था। इस पथराव की चपेट में आने से गाजीपुर के करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात कांस्टेबल सुरेश वत्स की मौत हो गई थी। वह प्रतापगढ़ के लक्षीपुर-रानीपुर के रहने वाले थे। इस घटना में पुलिस ने 32 नामजद और 60 अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही करीब 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
एक महीने में तीन पुलिसवालों की हत्या
इससे पहले बुलंदशहर में 3 दिसंबर को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या हुई थी। इसके ठीक 24 दिन बाद यानि 27 दिसंबर को प्रतापगढ़ में बेखौफ बदमाशों ने कांस्टेबल राजकुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। लगातार पुलिसकर्मियों की हो रही हत्या पर योगी सरकार घिरती नजर आ रही है।