राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को पुराने रेलवे पुल के नीचे 206.47 मीटर तक गिर गया है। यह स्तर कई दिनों से लगभग 207 मीटर के आसपास था। अधिकारियों ने बताया कि यह जलस्तर खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है, हालांकि जलस्तर में कमी आई है।
दिल्ली में यमुना नदी के लिए चेतावनी का निशान 204.50 मीटर है जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर निर्धारित है। जब जलस्तर 206 मीटर तक पहुंचता है, तो नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाता है। पुराना रेलवे पुल यमुना नदी के प्रवाह और संभावित बाढ़ के खतरे पर नजर रखने का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
यमुना नदी के जलस्तर पर अधिकारियों की पैनी नजर है और सभी संबंधित एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं। नदी के आसपास के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे, मयूर विहार, कश्मीरी गेट और आस-पास के इलाकों में अस्थायी टेंट लगाए गए हैं। इन टेंटों में प्रभावित लोग शरण ले रहे हैं। बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से शनिवार सुबह नौ बजे 50,629 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, वजीराबाद बैराज से लगभग 1,17,260 क्यूसेक पानी का प्रवाह जारी है। बैराजों से छोड़ा गया पानी दिल्ली पहुंचने में लगभग 48 से 50 घंटे का समय लेता है।
बाढ़ का खतरा कम नहीं माना जा रहा है क्योंकि यमुना नदी का जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से ऊपर है। नदी के आसपास रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है। अधिकारी कह रहे हैं कि जलस्तर और बारिश की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जरूरत पड़ने पर और अधिक सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। इस बीच, नदी के किनारे रहने वाले लोग सतर्क हैं और प्रशासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। नदी के बढ़ते जलस्तर से प्रभावित इलाकों में राहत कार्य और बचाव की तैयारियां पूरी हैं।