Advertisement

हम भूल गए कि राजा को रास्ता छोड़ना चाहिएः भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सरकार में बैठे लोगों को आम जनता से जुड़े रहने का संदेश दिया है। भोपाल में आयोजित साधक संगम में संघ प्रमुख ने कहा कि राजा की सवारी के सामने बच्चा, महिला या परिश्रम करने वाला आ जाए तो राजा रास्ता छोड़ते हैं। सामान्य व्यक्ति राजा के लिए रास्ता नहीं छोड़ता। यही देश की परंपरा है। हम ये भूल गए हैं इसलिए स्थिति खराब हुई है।
हम भूल गए कि राजा को रास्ता छोड़ना चाहिएः  भागवत

भागवत ने कहा कि सेवा में अपनेपन का अहसास होता है और  इसमें अहंकार नहीं आना चाहिए। भागवत ने श्रमिकों से कहा कि वे श्रम को हल्का मत समझें। आप जो कर रहे हैं, उसकी समाज को जरूरत है। आपका काम छूटा तो समाज की हालत बिगड़ेगी। श्रम की साधना से ही देश बड़ा होता है। संत रविदास का संदेश ही समरसता का संदेश है।

कार्यक्रम में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ आशीष चौहान ने कहा कि सेवा भारती संस्था घर से छोड़े गए बच्चों और मां-बाप को पालती है, लेकिन ये शर्म की स्थिति है। आज के दौर में युवा धन सबसे बड़ी समस्या भी है और सबसे बड़ी शक्ति भी है। 

भागवत ने कहानी सुनाते हुए कहा कि गांधीजी पूना में एक पहाड़ पर टहल रहे थे। उतरते हुए देख एक बच्ची अपने भाई को कंधे पर लेकर चढ़ रही थी। गांधीजी ने कहा इसे उतार दो तो बच्ची ने कहा वह पैदल नहीं चल रहा है। इस पर गांधीजी ने कहा बोझ क्यों ढोती हो, तो बच्ची ने जवाब दिया कि कैसी बात कर रहे हो, अपनों का बोझ होता है क्या?

संघ प्रमुख ने कहा कि कोई काम छोटा नहीं होता। अमेरिका के राष्ट्रपति रहे इब्राहिम लिंकन अपने जूते पॉलिश कर रहे थे, तो किसी मिलने वाले ने पूछा आप जूते क्यों पॉलिश कर रहे हैं? लिंकन ने जवाब दिया कि जूते पहनने का आनंद ले सकते हैं तो पॉलिश क्यों नहीं कर सकते।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad