अपनी तरह के एक अनूठे पहल के तहत भोपाल नगर निगम ने किन्नर समुदाय के लोगों के लिए शहर में शौचालय बनाने का फैसला किया है। निगम के महापौर आलोक शर्मा ने बताया, शुरूआत में शहर के बीच मंगलवार क्षेत्र में किन्नरों के लिए शौचालय बनाए जा रहे हैं। इस हेतु योजना की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इसके बाद किन्नरों के लिए शौचालय शहर के अन्य हिस्सों में भी बनाए जाएंगें। उन्होंने बताया कि सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ प्रत्येक शौचालय के निर्माण पर 25-30 लाख रुपये खर्च आएगा। किन्नरों के लिए इस सुविधा के सवाल पर शर्मा ने कहा कि वह स्वयं पुराने भोपाल शहर के मध्य क्षेत्र में रहते हैं तथा इस क्षेत्र से पार्षद भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा, मैंने देखा है कि शहर का भीड़भाड़ वाला इलाका होने के कारण किन्नरों को शौचालय सुविधा के लिए काफी परेशान होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जब पुरूष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था है तो किन्नरों के लिए क्यों नहीं। इसलिए इस वर्ग को यह सुविधा उपलब्ध कराने का विचार उन्हें आया और अब इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है।
मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन में एक किन्नर पूर्व महापौर और किन्नर पूर्व विधायक सहित लगभग 200 किन्नरों ने बिना कुछ लिए गांवों में काफी कार्य किया था। प्रदेश के कुछ गांवों में खुले में शौच के चलन को रोकने के लिए आ रही परेशानियों के चलते सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन में कई गांवों में किन्नरों की सेवाएं ली थीं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा समाज हित में किन्नरों की सेवाएं लेने पर यह समुदाय काफी हर्षित है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए प्रत्येक किन्नर को 15 गांवों की जिम्मेदारी दी गई थी। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़कर सागर शहर की महापौर रह चुकीं किन्नर कमला बुआ ने बीएमसी की इस योजना का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार को किन्नरों के कल्याण के लिए एक आयोग का गठन करना चाहिए।