पश्चिम बंगाल सरकार ने महामारी कोरोना के बारे में छात्रों को जागरूक करने के लिए अब इससे बचाव और पहचान संबंधी लक्षणों के बारे में बच्चों को पढ़ाने का निर्णय लिया है। पश्चिम बंगाल शिक्षा विभाग 2021 से स्कूल के पाठ्यक्रम में इस घातक वायरस पर एक अध्याय शुरू करने पर विचार कर रहा है। मंगलवार को एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।
राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने हाल ही में इस मुद्दे को उठाया है कि नोबेल कोरोना वायरस की प्रकृति के बारे में जानकारी का प्रसार कैसे किया जाए और प्रकोप को रोकने के लिए आवश्यक एहतियाती उपाय के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी जाए। इसके लिए राज्य के शिक्षा विभाग में पाठ्यक्रम समिति के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
पाठ्यक्रम समिति के अध्यक्ष अवीक मजूमदार ने इस बारे में पीटीआई को बताया, "हम सदस्यों और विशेषज्ञों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं।" मजूमदार ने कहा, "शिक्षकों और शिक्षाविदों के अलावा, हमें डॉक्टर, वैरोलॉजिस्ट, महामारी विज्ञानियों से बात कर उनके सुझावों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के बारे में निर्णय लेना है।"
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि जूनियर से लेकर उच्च कक्षाओं तक कोरोना विषय पर पाठ्यक्रम पेश करने की योजना है। उन्होंने कहा कि जूनियर कक्षाओं में संक्रमण को रोकने के लिए बुनियादी स्वच्छता और सुरक्षा के उपायों को सीखना और उच्च कक्षा के छात्रों को यह पता होना चाहिए कि कोरोना के प्रकोप के मद्देनजर किस तरह से शारिरीक दूरी का पालन किया जाए।