रांची को कोई डेढ़ सौ किलोमीटर दूर हजारीबाग में एक महिला ने घर पर काम करने वाली छह और आठ साल की मासूम बच्चियों से जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया। बड़ा बाजार के बाबा चौक इलाके में रहने वाली 50 साल की आशा चौधरी के घर में काम करने वाली छह और आठ साल की बच्चियों की वजह से उसके पालतू कुत्ते को चोट लग गई। बस मालकिन आगबबूला हो गई। छड़ी से दोनों की जमकर पिटाई कर दी। इतने से भी मन नहीं भरा तो आठ साल की बच्ची के हाथों पर ब्लेड से वार किये। एक-दो नहीं पूरे बीस। बच्चियों की आवाज सुन पड़ोसी पहुंते तो इसकी सूचना पुलिस को दी। चाइल्ड लाइन और पुलिस ने दोनों बच्चियों को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। इस बीच आशा चौधरी घर में ताला लगाकर फरार हो गई। बाल संरक्षण समिति की देखरेख में बच्चियों का इलाज चल रहा है। बच्चियों की पीठ पर भी छड़ी से पिटाई के लाल निशान हैं।
पूछताछ में बच्चियों ने बाल संरक्षण अधिकारियों को मालकिन की क्रूरता की कहनी बताई। कहा कि शुक्रवार को खेलने के दौरान मालकिन के घरेलू कुत्ते को चोट लग गई थी, उसी कारण उन्हें पीटा गया। दोनों बहन घरेलू नौकर के रूप में दोनों कोई दो साल से बर्तन साफ करने, झाड़ू-पोछा का काम करती हैं। कुत्ते के साथ खुद का भी उन्हें खाना बनाना पड़ता है। खाने के लिए सिर्फ चावल और आलू दिया जाता है। काम में गंदगी या लापरवाही होने पर भी डांट और पिटाई दिनचर्या में शामिल है।
हजारीबाग के बाल संरक्षण अधिकारी संजय प्रसाद ने मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चों के साथ हुए अत्याचार के मामले में पुलिस खुद संज्ञान लेकर कार्रवाई कर सकती है। दोनों रांची के महुआ टोली की रहने वाली हैं और पिता पशु चारा के लिए कुट्टी काटने का काम करते हैं। गरीबी की वजह से दो साल पहले इन्हें काम पर भेज दिया था।