रांची में भी मौसम की तपिश लोगों को चेहरा ढकने पर मजबूर कर रही है। शनिवार को सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल रांची के सिविल कोर्ट आईं थीं चेहरा पूरी तरह ढककर। जानकार मानते हैं कि गर्मी से ज्यादा अपने फैन्स से चेहरा छुपाने के लिए वे चेहरा पूरी तरह ढक-छुपाकर अदालत पहुंची थीं। दरअसल वे एक मामले में सरेंडर करने रांची के सिविल कोर्ट पहुंची थीं।
मीडियाकर्मियों को अमीषा के आने की भनक लगी तो उन्होंने अमीषा को घेरा मगर मीडियाकर्मियों से कुछ बोलने के बदले चेहरा छुपाकर निकल गईं। सिविल कोर्ट में उन्होंने जज डीएन शुल्का की कोर्ट में सरेंडर किया। अदालत ने दस हजार के दो बेल बांड भरवाकर जमानत दे दी।
दरअसल चेक बाउंस मामले में सिविल कोर्ट से अमीषा पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ था। बार बार समन के बावजूद अमीषा अदालत में हाजिर नहीं हो रही थीं तब अदालत ने उनके खिलाफ वारंट जारी किया था। अगली तारीख 21 जून मुकर्रर की गई है जिसमें अमीषा को हाजिर रहने का निर्देश दिया गया है। दरअसल मामला ढाई करोड़ रुपये के लेनदेन और धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है।
रांची के अरगोड़ा के रहने वाले फिल्म निर्माता अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में 17 नवंबर 2018 को सीजीएम कोर्ट में मामला दर्ज कराया था। अजय कुमार सिंह की ओर अमीषा पटेल और उनके बिजनेस पार्टनर कुणाल ग्रूमर के खिलाफ दाखिल चेक बाउंस, धोखाधड़ी और धमकी को लेकर मामला दर्ज कराया गया था। आरोप था कि फिल्म मेकिंग के नाम पर अमीषा पटेल ने अजय सिंह से ढाई करोड़ रुपये लिए मगर पैसे लेने के बाद कोई काम नहीं हुआ। एग्रीमेंट के अनुसार जब फिल्म जून 2018 में रिलीज नहीं हुई अजय ने वापस पैसे मांगे। काफी तकादे के बाद चेक मिला मगर चेक बाउंस हो गया। कुछ माह पूर्व ही अदालत ने इस मामले में अमीषा के खिलाफ वारंट जारी किया था।
जानकार बताते हैं कि अमीषा की अजय सिंह से 2017 में रांची में डिजिटल इंडिया को लेकर के कार्यक्रम के दौरान मुलाकात हुई थी। उसी दौरान अमीषा की ओर से अजय को फिल्म निर्माण में पैसे लगाने को लेकर ऑफर मिला था। तब अजय ने ढाई करोड़ रुपये अमीषा के खाते में ट्रांसफर किया। मगर फिल्म निर्माण की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई और अजय को पैसे भी वापस नहीं मिले। जो चेक मिला वह भी बाउंस कर गया।