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यूपी के 2273 राजकीय विद्यालयों में वाईफाई की सुविधा शुरू, करियर गाइडेंस के लिए 'पंख' पोर्टल विकसित

उत्तर प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा प्रारंभ की गई है। विद्यार्थियों को शैक्षिक...
यूपी के 2273 राजकीय विद्यालयों में वाईफाई की सुविधा शुरू, करियर गाइडेंस के लिए 'पंख' पोर्टल विकसित

उत्तर प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा प्रारंभ की गई है। विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री, ई-कंटेंट, विभिन्न सम- सामयिक विषयों पर कंटेंट आदि के ऑनलाइन अध्ययन के लिए लक्षित सभी 2273 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इस सुविधा की शुरुआत की गई है। यही नहीं इंटरनेट सुविधा के उपयोग से स्मार्ट क्लासेस का संचालन किया जा सकेगा। माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गुलाब देवी ने यह जानकारी दी।

माध्यमिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार माध्यमिक शिक्षा विभाग में डिजिटलाइजेशन को लेकर लगातार कार्य कर रही है। विद्यार्थियों की करियर गाइडेंस के लिए ' पंख' पोर्टल विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से विद्यार्थियों को विभिन्न करियर पथ का चयन करने और शिक्षा के विषय में उपलब्ध विकल्पों के बारे में बेहतर सलाह मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के असेवित क्षेत्रों में 39 हाईस्कूल और 14 इंटर कॉलेज का निर्माण शुरु किया जा रहा है। इन राजकीय हाईस्कूलों की स्थापना से प्रतिवर्ष लगभग 6,240 और राजकीय इंटर कॉलेजों की स्थापना से लगभग 2240 छात्र-छात्राओं को अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी।

मंत्री गुलाब देवी ने बताया कि असेवित बस्ती के चिन्हीकरण (स्कूल मैपिंग) के लिए 'पहुंच' पोर्टल विकसित किया गया। इस व्यवस्था से माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी संभव होगी। यही नहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग और उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के संयुक्त सहयोग से राजकीय विद्यालयों से अध्ययनरत विद्यार्थियों में वोकेशनल ट्रेनिंग के माध्यम से जॉब रेडी स्किल्स के विकास के लिए प्रत्येक कार्यदिवस में विद्यालय अवधि में नि:शुल्क सर्टिफिकेट कोर्स संचालित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालयों में वाई-फाई की सुविधा प्रारंभ की गई है। विद्यार्थियों को शैक्षिक सामग्री, ई-कंटेंट, विभिन्न सम- सामयिक विषयों पर कंटेंट आदि के ऑनलाइन अध्ययन के लिए लक्षित सभी 2273 राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में इस सुविधा की शुरुआत की गई है। यही नहीं इंटरनेट सुविधा के उपयोग से स्मार्ट क्लासेस का संचालन किया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि अध्यापक पुरस्कार के लिए प्रचलित नीति को और अधिक प्रासंगिक एवं आकलन के मानकों को युक्तिसंगत बनाने, अध्यापकों की संख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए विषयवार और वर्गवार पुरस्कारों की संख्या निर्धारित करने के लिए संशोधित मानक तय किए गए हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक विषय-वर्ग के अध्यापकों को राज्य अध्यापक पुरस्कार एवं मुख्यमंत्री अध्यापक पुरस्कार प्राप्त करने का अवसर प्राप्त हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में शिक्षक चयन की नवीन प्रक्रिया तैयार की गई है। इससे संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में योग्य शिक्षकों का समयबद्ध चयन सुनिश्चित होगा। इसके साथ ही शिक्षकों की उपलब्धता हो जाने से पठन पाठन की गुणवत्ता में सुधार होगा।

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