एनजीटी ने दिल्ली के सभी स्कूलों और कॉलेजों को बारिश का पानी इकट्ठा करने के लिए रेन वाटर सिस्टम हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का आदेश दिया है। दो महीने के भीतर ऐसा नहीं करने वाले स्कूल-कॉलेज पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। एनसीआर में निर्माण कार्यों और औद्योगिक गतिविधियों पर लगी रोक को लेकर एनजीटी शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
इससे पहले ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली बेंच को दिल्ली की आप सरकार ने बताया कि उसके निर्देश के अनुसार पानी का छिड़काव किया जा रहा है। राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर भी नीचे आ गया है। बिल्डरों और उद्योगों की ओर से पेश वकीलों ने वायु गुणवत्ता में सुधार का हवाला देते हुए रोक हटाने की अपील ट्रिब्यूनल से की। बेंच ने कहा कि वह कल प्रदूषण से संबंधित आंकड़ाें का अध्ययन करने के बाद फैसला करेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त ईपीसीए ने दिल्ली में ट्रकों के आने और निर्माण कार्यों पर लगी रोक हटा ली थी। दिल्ली सरकार ने ईपीसीए को पत्र लिखकर उन आठ नवंबर को आपातकालीन उपायों के तहत लगाए अन्य प्रतिबंधों की समीक्षा की भी अपील की है। एनजीटी ने गुरुवार को स्कूलों और कॉलेजों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए संसाधन खुद जुटाने को कहा। स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट की जांच के लिए एनजीटी ने एक कमेटी भी गठित कर रखी है।