देश की रक्षा मंत्री और भाजपा प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की संपत्ति को लेकर सवाल उठाए।
सीतारमण ने कहा, ‘पी चिदंबरम ने विदेश में अपनी संपत्ति का विवरण नहीं दिया। समय आ गया है कि कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी इस पर ध्यान दें और टिप्पणी करें। मैं यहां बताना चाहूंगी कि कांग्रेस अध्यक्ष खुद जमानत पर हैं. वो भी संपत्ति के मामले में। राहुल गांधी भाजपा से सवाल करते हैं क्या वे अपने नेता पी. चिदंबरम से यह सवाल कर सकते हैं कि वे विदेश में अपनी संपत्ति का विवरण क्यों नहीं दे रहे?’
उन्होंने कहा, ‘जब हम विपक्ष में थे तो हमने काले धन से संबंधित सारे मामले सदन में उठाये। उस वक्त भी हमने अपने सांसदों और नेताओं से कहा था कि यदि उनकी संपत्ति के संबंध में विदेश में जानकारी मिली तो पार्टी कठोर कदम उठाएगी लेकिन उस वक्त कांग्रेस जो कि सत्ता में थी उनके एक महत्वपूर्ण मंत्री ने संपत्ति का ब्यौरा देने से मना कर दिया।‘
कांग्रेस का हाल नवाज शरीफ जैसा
सीतारमण ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों से आयकर विभाग पी चिदंबरम और उनके परिवार के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है। संपत्ति का ब्यौरा नहीं देने पर आयकर विभाग ने उनके ऊपर चार चार्जशीट दाखिल किया है। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि पाकिस्तान में नवाज शरीफ का हाल हो गया है। उसी प्रकार भारत में कांग्रेस पार्टी का भी हाल है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने जैसे पूर्व पीएम नवाज शरीफ की याचिका खारिज की और पांच साल के लिए उन्हें राजनीति से संन्यास दिला दिया। यह कांग्रेस के लिए नवाज शरीफ मोमेंट है। ऐसा हमें प्रतीत हो रहा है क्योंकि चिदंबरम ने अपने हलफनामे में अपनी विदेशी संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।‘
निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘2016 के हलफनामे में चिदंबरम ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है। उनके पुत्र कार्ति ने भी 2014 के बाद डिटेल नहीं दिया है। 2009 में भी चिदंबरम ने कुछ डिसक्लोजर नहीं दिया। ऐसे गंभीर आरोप उन पर हैं। वो सरकार के वरिष्ठ मंत्री थे। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इन मामले में कुछ कहना चाहिए।‘
मुंबई हमले पर नवाज शरीफ के बयान पर
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ द्वारा मुंबई हमलों में पाक आतंकियों के शामिल होने के कबूलनामे पर सीतारमण ने कहा कि पाकिस्तान के पूर्व पीएम का खुलासा गंभीर है, भारत 26/11 मुंबई हमलों को लेकर हमेशा अपने रुख पर कायम रहा है।
उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे, इसे खत्म करने के लिए कड़े कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश से आतंकवाद का सफाया होगा।'